पटना : जेल में बंद अपराधी दे रहे क्राइम को बढ़ावा, पुलिस परेशान
विजय सिंह पटना : इन दिनों सूबे के अपराधी जेल में बैठे-बैठे अपराध को अंजाम दे रहे हैं. देखा जा रहा है कि अक्सर जेल के अंदर से धमकी भरा फोन या मैसेज आता है और बड़ी घटना घट जाती है. मार्च महीने में दीघा में एक सीमेंट व्यवसायी की हत्या के मामले में पता […]
विजय सिंह
पटना : इन दिनों सूबे के अपराधी जेल में बैठे-बैठे अपराध को अंजाम दे रहे हैं. देखा जा रहा है कि अक्सर जेल के अंदर से धमकी भरा फोन या मैसेज आता है और बड़ी घटना घट जाती है. मार्च महीने में दीघा में एक सीमेंट व्यवसायी की हत्या के मामले में पता चला था कि नाकट गोप नाम के अपराधी ने जेल से ही उसे जान से मारने की धमकी दी थी.
नाकट गोप के बेटे सन्नी से व्यापारी का विवाद हुआ था. तब बाकायदा 10 दिन के अंदर हिसाब चुकता करने की चेतावनी दी गयी थी, और हुआ भी वही. दीघा हाॅट में सरेआम सीमेंट व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी.
डीएम, एसपी के रेड में बैरकों से बरामद होते हैं गांजे से लेकर सिम कार्ड तक : जेलों में डीएम एसपी की रेड होती है. पटना के बेऊर जेल में भी रूटीन चेकिंग होती है.
इस दौरान हार्ड कोर क्रिमिनल के बैरक से स्मार्ट फोन, कई सिम कार्ड, गांजा समेत अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद होते रहे हैं. जेल की सुरक्षा में चूक कैसे होती है यह तो जांच का विषय है, लेकिन कथित तौर पर जेल की बैठकी की परंपरा ने यहां इसे जायज बना दिया है.
टेंडर मैनेज करने के लिए आया है एमएलसी रीतलाल का मैसेज
दानापुर मंडल के रेलवे टेंडर में कथित तौर पर एमएलसी रीतलाल का पहले से दखल रहा है. रेलवे के अधिकारी हों या फिर कांट्रेक्टर कंपनी, सभी रीतलाल के दखल और उनके कमीशन का किस्सा जानते हैं.
अब एक बार फिर रीतलाल के नाम टेंडर मैनेज का मामला सामने आया है, उसका गुर्गा भी पकड़ा गया है. इसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आयी है. पटना रेंज के डीअाईजी राजेश कुमार ने रीतलाल के अलावा पटना और नालंदा के जेलों में बंद पड़े अपराधियों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने के लिए सूची तैयार करने का आदेश दिया है
-कुल 59 जेल
– 8 सेंट्रल जेल
– करीब 36 हजार कैदियों की रखने की कुल क्षमता
– एनसीआरबी 2015 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के जेलों में 82 प्रतिशत विचाराधीन बंदी हैं. यह आंकड़ा देश के अन्य राज्यों की जेलों के मुकाबले अधिक है.