पटना : पुलिस की अनदेखी से आपत्तिजनक सामग्री को जेल के अंदर ले जाने में कैदी कामयाब हो जाते हैं. इनमें मोबाइल व सिम कार्ड प्रमुख होते हैं. यह खेल कैदियों के न्यायालय में पेशी के दौरान शुरू होता है. जब किसी कैदी को बेऊर या फुलवारीशरीफ जेल से न्यायालय में पेशी के लिए लाया जाता है, तो उन्हें वहां बने हाजत में रखा जाता है. इसके बाद एक-एक कर उन्हें न्यायालय में पेश किया जाता है. उनकी सुरक्षा को लेकर एक या दो पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती है.
न्यायालय में पेश करने तक तो मामला सही रहता है, लेकिन वहां से लौटने के बाद ही खेल शुरू हो जाता है. महज चंद रुपयों के लालच में पुलिसकर्मी कैदियों को न्यायालय परिसर में स्थित दुकानों से सामान खरीदने की इजाजत दे देते हैं. इसके अलावा उनके सगे-संबंधियों द्वारा दिये गये सामान की भी सही तरीके से जांच नहीं करते हैं. मोबाइल या सिम कार्ड इतने छोटे होते हैं कि कैदी उन्हें अपने साथ आसानी से छिपा कर ले जा सकते हैं. न्यायालय से कैदी वैन से कैदी आसानी से सामान लेकर जेल गेट पर पहुंचते हैं और वहां के सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर जेल के अंदर लेकर चले जाते हैं. इसके बाद उसका इस्तेमाल क्रिमिनल गतिविधियों को संचालित करने के लिए करते हैं.
छापेमारी के बाद हमेशा मिलते हैं मोबाइल फोन
बेऊर जेल या अन्य जेलों में जब भी छापेमारी होती है, तो वहां मोबाइल फोन व सिम कार्ड की बरामदगी होती है. दर्जनों मोबाइल फोन केवल बेऊर जेल के अंदर से बरामद किये गये हैं. आखिर इतने मोबाइल फोन जेल के अंदर कैसे बरामद किये गये? इससे स्पष्ट है कि जेल के अंदर मोबाइल फोन व सिम ले जाने में कैदी सफल रहे हैं. इसके अलावा हमेशा यह भी बात प्रकाश में आती है कि जेल के अंदर से ही रंगदारी मांगी गयी या फिर किसी घटना को अंजाम देने की साजिश रची गयी. ऐसे मामले कई बार सामने आ चुके हैं और न्यायालय में तैनात पुलिसकर्मियों व जेल गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट में कैदियों के पास पहुंच गया था बमों का थैला : अभी हाल में ही कुख्यात अपराधी सन्नी के पास न्यायालय में पेशी के दौरान उसके ग्रुप के लोगों ने बमों का थैला पहुंचा दिया था. सन्नी बम लेकर कैदी वैन में भी सवार हो गया. सिपारा पुल के पास उसने बम को पटक कर भागने का प्रयास किया था. हालांकि कैदी वैन में मौजूद पुलिसकर्मियों की बहादुरी के कारण सन्नी अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाया और चालक ने कैदी वैन को सीधे बेऊर जेल परिसर में ला कर खड़ा कर दिया.
क्या कहते हैं एसएसपी
यह बात सही है कि जेल के अंदर से मोबाइल फोन द्वारा अपराधी अपने गिरोह को संचालित करते हैं. कई केसों में यह बात सामने आयी है. इसको लेकर पटना पुलिस काफी गंभीर है और न्यायालय की हाजत में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं. कैदियों के न्यायालय में पेशी के दौरान डीएसपी व इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी को निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.
माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के विद्यार्थियों का भी होगा मूल्यांकन
विद्यालयों को मिलेंगे हेडमास्टर
मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार और मुख्य सचिव दीपक कुमार के सामने विद्यालयों में स्थायी हेडमास्टरों की कमी का भी मामला उठा. मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विद्यालयों को स्थायी हेडमास्टर मिले, इसके लिए प्रयास किया जायेगा. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने बताया कि स्कूलों में हेडमास्टरों के नियमित पद नहीं है. एक-दो माह में ये पद भरे जायेंगे. इसकी तैयारी के निर्देश दिये जा चुके हैं़ बकौल आरके महाजन, हमलोगों की कोशिश है कि विद्यालयों का माहौल और बेहतर हो़ शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच बेहतर रिश्ते बने़ हर स्तर पर मॉनीटरिंग की व्यवस्था भी की जायेगी ताकि राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक नजर रखी जा सके़
सभी अधिकारी स्कूलों में जाएं
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी स्कूलों में जाएं. स्कूलों में एक निरीक्षण पंजी जरूर हो, जिसमें निरीक्षण के दौरान अधिकारी सुझाव दर्ज करेंगे. उन्होंने विद्यालयों में प्रार्थना/चेतना सत्र हर हाल में आयोजित करने को कहा. शिक्षा विभाग एक पोर्टल बनाये, जिसमें विद्यालयों के प्रार्थना सत्र की तस्वीर और वीडियो रोजाना अपलोड हो, ताकि इसे सभी देख सके. प्रधान सचिव आरके महाजन ने कहा कि सभी दिशा-निर्देशों का पालन होगा.