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सीएम सुरक्षा में तैनात आधा दर्जन सुरक्षाकर्मी निलंबित

पटना : मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात विशेष सुरक्षा दल के आधा दर्जन सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इन सुरक्षा कर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने एक डीएसपी को अनाधिकृत रूप से सीएम आवास (एक अणे मार्ग ) में प्रवेश करा दिया था. इस कार्रवाई को गोपनीय रखा गया है. कोई भी […]

पटना : मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात विशेष सुरक्षा दल के आधा दर्जन सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इन सुरक्षा कर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने एक डीएसपी को अनाधिकृत रूप से सीएम आवास (एक अणे मार्ग ) में प्रवेश करा दिया था. इस कार्रवाई को गोपनीय रखा गया है. कोई भी अधिकारी इस मामले में बोल नहीं रहा है. सूत्रों के अनुसार बीते दिन पुलिस के एक डीएसपी किसी काम से मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. वहां गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को बताया कि उनको

मुख्यमंत्रीसीएम सुरक्षा में…

के प्रधान सचिव चंचल कुमार से मिलना है. प्रधान सचिव ने ही उनको बुलाया है. विशेष सुरक्षा दल के जवान पुलिस अधिकारी के प्रभाव में आ गये. सुरक्षा कर्मियों ने डीएसपी को सीएम आवास में सुरक्षा प्रोटाकाॅल को नजरंदाज कर प्रवेश करा दिया. डीएसपी प्रधान सचिव चंचल कुमार के कक्ष तक पहुंच गये. प्रधान सचिव ने जब देखा कि डीएसपी नियमों का पालन किये बिना ही यहां आ गये हैं तो वह नाराज हो गये. उनका प्रवेश कैसे हुआ इसकी जांच करायी तो पाया कि विशेष सुरक्षा दल के जवानों ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया था. स्पेशल सुरक्षा दल के करीब आधा दर्जन सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया गया.
इसमें पुलिस निरीक्षक स्तर के भी अधिकारी हैं. पुलिस मुख्यालय, गृह विभाग और सीएम सचिवालय में चर्चा है कि संबंधित डीएसपी अपनी पोस्टिंग के लिए सीएम आवास पहुंचे थे. कुछ दिन पहले ही मुख्य सचिव ने आदेश दिया था कि कोई भी अधिकारी निजी कार्य को लेकर सीएम आवास या सचिवालय नहीं आयेगा.
मामले को गंभीरता से लिया गया है. अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने वाले डीएसपी पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई तय मानी जा रही है. सीएम आवास की सुरक्षा में तैनात डीएसपी के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है. इस पूरे प्रकरण की पुष्टि को लेकर प्रभात खबर ने शाम छह बजकर छह मिनट पर डीजीपी केएस द्विवेदी को उनके सीयूजी नंबर पर और पुलिस प्रवक्ता सह एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल को शाम 06:32 बजे फोन किया, लेकिन दोनों अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया.
दोनों पुलिस अफसरों ने मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया. वहीं स्पेशल ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले की न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया. बस इतना ही कहा कि सीएम आवास से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं की जा सकती है.
मिलने का यह है नियम
मुख्यमंत्री सचिवालय में किस को प्रवेश मिलेगा, किसको नहीं, इसकी पूरी नियमावली है. इस नियमावली का पालन न करना सुरक्षा में चूक की श्रेणी में आता है. नियमानुसार सीएम सचिवालय में जिनको बुलाया जाता है उनके बारे में सुरक्षा कर्मियों को पहले ही जानकारी दे दी जाती है. मिलने वालों की गेट पर पूरी सूची होती है. मुख्यमंत्री अथवा उनके प्रधान सचिव आदि यदि किसी से तात्कालिक
मिलने का यह…
मुलाकात भी करते हैं तो भी इसकी इसकी जानकारी दी जाती है. कुछ साल पहले भी एक पुलिस अधिकारी के प्रवेश को लेकर सुरक्षा कर्मियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ा था.

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