पटना : रिजर्व बैंक ने जाली ई-मेल से लोगों को किया सावधान
कुछ गलत लोग आरबीआई के नाम का उपयोग कर आम जनता के साथ करते हैं धोखाधड़ी पटना : भारतीय रिजर्व बैंक के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व आम जनता के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. इसकी शिकायत रिजर्व बैंक को लगातार मिल रही है. इसी मद्देनजर रिजर्व बैंक ने एक पत्र जारी लोगों को सावधान […]
कुछ गलत लोग आरबीआई के नाम का उपयोग कर आम जनता के साथ करते हैं धोखाधड़ी
पटना : भारतीय रिजर्व बैंक के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व आम जनता के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. इसकी शिकायत रिजर्व बैंक को लगातार मिल रही है. इसी मद्देनजर रिजर्व बैंक ने एक पत्र जारी लोगों को सावधान रहने को कहा है. रिजर्व बैंक का आम लोगों से किसी प्रकार का संबंध नहीं होता है. चाहे बैंक खाता का मामला हो या फिर लॉटरी जीतने का.
भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य महाप्रबंधक जोस जे कट्टूर ने बताया कि कुछ गलत लोग आरबीआई के नाम का उपयोग कर आम जनता के साथ धोखाधड़ी करते हैं. ये तत्व आरबीआई के नकली लेटर हेड का उपयोग करते हुए, आरबीआई के कर्मचारी होने के नाम पर ई-मेल भेजते हैं. इसके अलावा लोगों को विदेशों से जाली प्रस्तावों, लॉटरी जीतने, विदेशी मुद्रा में सस्ते धन के प्रेषण का प्रलोभन देते हैं. आम जनता से मुद्रा प्रोसेसिंग शुल्क, विदेशी मुद्रा रूपांतरण शुल्क, पूर्व-भुगतान इत्यादि के रूप मेंधन की वसूली करते हैं. उन्होंनेबताया कि रिजर्व बैंक अपने ‘ जन जागरूकता अभियान ‘ के भाग के रूप में जनता को एसएमएस भेजने, आउटडोर विज्ञापन और टेलीकास्टिंग जागरूकता फिल्मों जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से फर्जी ई-मेल पर जागरूकता फैला रहा है.
l रिजर्व बैंक किसी भी व्यक्ति का खाता नहीं रखता
जोस जे कट्टूर ने बताया कि रिजर्व बैंक किसी भी व्यक्ति का खाता नहीं रखता है. बैंक के अधिकारियों के नाम पर धोखेबाज से सावधान रहें. रिजर्व बैंक का कोई भी व्यक्ति लॉटरी जीतने, विदेश से धन राशि प्राप्त करने के बारे में कोई फोन नहीं करता है.
न ही रिजर्व बैंक लॉटरी फंड इत्यादि जीतने के संबंध में कोई ई-मेल भेजता है. बैंक लॉटरी जीतने अथवा विदेश से निधि प्राप्त करने के जाली प्रस्तावों के लिए कोई एसएमएस अथवा ई-मेल नहीं भेजता हैं. उन्होंने बताया कि बैंक आधिकारिक और असली वेबसाइट केवल (https://www.rbi.org.in/ या https://rbi.org.in/) है और जनता कृपया सावधान रहें और जाली लोगो सहित ‘ रिजर्व बैंक ‘, ‘ आरबीआई ‘ आदि से शुरू होनेवाले इसी प्रकार की पते वाली जाली वेबसाइटों से गुमराह न हों.
ऐसी धोखाधड़ी के बारे में स्थानीय पुलिस अथवा साइबर क्राइम प्राधिकार को तत्काल जानकारी दें. साथ ही उन्होंने जनता से आग्रह किया है कि वे ऐसे लोगों और संस्थाओं के पत्राचार का जवाब न दें.