पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद को फोन कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने को महागठबंधन में उनकी वापसी से जोड़ कर देखे जाने और तेजप्रताप यादव द्वारा उनके लिए ‘नो इंट्री’ का बोर्ड लगाये जाने के बयान को हास्यास्पद करार देते हुए आज कहा कि उन्होंने चार बार लालू के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की थी. नीतीश कुमार ने लालू यादव को फोन कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल करने के विषय पर कहा कि राजनीति में एक दूसरे से मतभेद हो सकता है, लेकिन व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में यह कहा. नीतीशकुमार ने कहा, ‘‘लालू जी की तबीयत खराब होने के दौरान अभी तक चार बार हम हालचाल पूछ चुके हैं, लेकिन जिस तरह का मर्यादाहीन आचरण प्रस्तुत किया गया है, इससे समाज के वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है.’
लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप द्वारा अपनी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर नीतीश कुमार के लिए नो इंट्री का बोर्ड लगाये जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि यह हास्यास्पद है. गौरतलब है कि नीतीश ने हाल ही में लालू का मुंबई में आपरेशन के दौरान उन्हें फोनकर कुशलक्षेम पूछा था, जिसके बाद उनके महागठबंधन में वापसी को लेकर अटकलें लगायी जाने लगी थी. वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कहा था कि महागठबंधन में अब उनकी वापसी संभव नहीं.
उल्लेखनीय है कि जदयू ने 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन में शामिल होकर राजद और कांग्रेस के साथ लड़ा था और राज्य में सरकार बनायी थी. लेकिन, गत वर्ष नीतीश ने राजद और कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा नीत राजग के साथ बिहार में नयी सरकार बना ली. हाल में अपनी तबीयत खराब होने के बारे में पूछे जाने पर नीतीशकुमार ने कहा कि उन्हें वायरल बुखार हो गया था, जिसके लिए डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी.
पूरे देश में एक साथ चुनाव कराये जाने से सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं नीतीश
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज कहा कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने के विचार से वह सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं. हालांकि, इसके लिए कुछ संवैधानिक समस्याओं पर गौर करना होगा और सभी राजनीतिक दलों को इस पर विचार करना होगा. यहां एक अणे मार्ग पर ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान देश में एक साथ चुनाव कराए जाने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा, हम सैद्धांतिक रुप से सहमत हैं.
उन्होंने कहा कि लेकिन इसके लिए कुछ संवैधानिक समस्याओं पर भी विचार करना होगा. सभी पार्टियों को इस पर विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि अलग-अलग चुनाव होने से देश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है और अन्य तरह की परेशानियां होती हैं. नीतीश ने कहा कि अभी तत्काल यह लागू करना संभव नहीं है. उन्होंने इससे संघीय ढांचे पर होने वाले खतरे से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि उस पर कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 1967 तक देश और राज्यों के चुनाव साथ में हो रहे थे.