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…जब एक्ट्रेस बनने की चाह में पटना से भाग सलमान से मिलने छात्रा पहुंची मुंबई
पटना : शनिवार को बुद्धा कॉलोनी इलाके से गायब हुई एमबीबीएस की छात्रा रविवार को घर वापस लौट आयी. दरअसल वह एक्ट्रेस बनने के लिए अकेले ही अभिनेता सलमान खान से मिलने मुंबई पहुंच गयी थी. हालांकि काफी कोशिश के बावजूद जब वह सलमान खान से नहीं मिल पायी तो वापस पटना लौट आयी. इधर, […]
पटना : शनिवार को बुद्धा कॉलोनी इलाके से गायब हुई एमबीबीएस की छात्रा रविवार को घर वापस लौट आयी. दरअसल वह एक्ट्रेस बनने के लिए अकेले ही अभिनेता सलमान खान से मिलने मुंबई पहुंच गयी थी. हालांकि काफी कोशिश के बावजूद जब वह सलमान खान से नहीं मिल पायी तो वापस पटना लौट आयी.
इधर, उसके गायब होने के बाद परिजन परेशान रहे. पुलिस चकरघिन्नी बनी रही. छात्रा शनिवार को बिना किसी को कुछ बताये घर से निकल गयी थी.
जब वह घर वापस नहीं लौटी और उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ आने लगा तो परिजनों को चिंता हुई. परिवार ने बुद्धा कॉलोनी पुलिस को जानकारी दी. छात्रा के पिता ने पुलिस को यह भी बताया कि उसकी मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं है.
फ्लाइट से मुंबई चली गयी थी छात्रा : छात्रा गो एयर की फ्लाइट से दो बज कर 10 मिनट पर मुंबई के लिए रवाना हो गयी थी. इस दौरान उसने मोबाइल ऑफ कर लिया था.
मुंबई पहुंचने पर ही उसने अपने मोबाइल फोन को ऑन किया था. छात्रा उदयपुर स्थित एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. हालांकि वह अभिनेत्री बनना चाहती है. उसने अपने परिजनों से भी कहा था कि उसे पढ़ाई में मन नहीं लगता है. लौटने के बाद उसने पुलिस को सारी कहानी बतायी.
मुंबई का लोकेशन मिलने पर परिजन भी पहुंचे : जब परिजनों को पता चला कि छात्रा का लोकेशन मुंबई बता रहा है तो वे भी रात में मुंबई पहुंच गये.
छात्रा के पास मात्र दस हजार रुपये थे, जो खत्म हो गये थे. ऐसे में उसने अपने भाई को फोन कर बताया कि वह दिल्ली में है. उसे कुछ पैसों की जरूरत है. इसके बाद उसके भाई ने पैसे उसके एकाउंट में डाल दिये. पैसा मिलते ही छात्रा वापस हवाई जहाज से पटना लाैट आयी. छात्रा के घर लौटने की जानकारी मिलने पर परिजन भी मुंबई से पटना आ गये.
जमीनी हकीकत से दूर मायानगरीे की चकाचौंध में गुम हो रहे सपने
मायानगरी मुंबई का तिलस्म अक्सर युवक-युवतियों को अपनी ओर खींच ले जाता है, जबकि वहां की हकीकत कुछ और है. जब सपनों के साथ पहुंचे लोगों को वहां के निर्मम सच और कठोर यथार्थ का पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. खास तौर पर लड़कियों के लिए मायानगरी का आकर्षण बेहद खतरनाक होता है. समूचे देश से युवक-युवतियां फिल्मों के नायक और नायिका बनने मुंबई पहुंचते हैं, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगती है.
बहुत कम ऐसी लड़कियां हैं, जो मुंबई पहुंच कर सुरक्षित घर वापसी कर पाती हैं, अन्यथा उन्हें देह व्यापार और दूसरी अंधेरी गलियों में गुमनाम जिंदगी गुजारनी पड़ती है. गजब की बात यह है कि अब वैसी लड़कियां भी घर से भाग रही हैं, जिनके माता-पिता लाखों खर्च करके उन्हें मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई करा रहे हैं.
फिल्म इंडस्ट्री का स्याह सच
– यहां जबर्दस्त परिवारवाद है. चार छह परिवार के लोग ही समूची इंडस्ट्री पर हावी हैं.
– खासतौर पर लड़कियों के लिए यहां कास्टिंग काउच एक जमीनी सच्चाई है, जिसकी पुष्टि कई बार हो चुकी है.
– मुंबई में ऐसे कई गिरोह हैं, जो मानव तस्करी करते हैं. अक्सर लड़कियां उनके हत्थे चढ़ जाती हैं.
क्या कहते हैं साइकोलॉजिस्ट काउंसेलर
काउंसेलर मनोज कुमार ने कहा कि कम उम्र में बच्चों के बीच भटकाव की स्थिति तुरंत आ जाती है. वे परिपक्व नहीं होते हैं. चकाचौंध की दुनिया की ओर तुरंत ही आकर्षित हो जाते हैं. मनोज के मुताबिक पहले बच्चे परिवार में रहते थे.
अपने पिता व माता को रोल मॉडल मानते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है. वे अब उन लोगों को रोल मॉडल मान रहे हैं, जो काफी अमीर हैं या फिर उनका रहन-सहन काफी उच्च स्तर का है. वैसे लोगों के संबंध में आसानी से आज सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी भी मिल जाती है. इसके बाद बच्चे वैसा ही बनने का प्रयास करते हैं. इसके बाद वे अपने घर से निकल भागते हैं.
उन्हें लगता है कि वे एक दिन बड़ा आदमी बन कर घर लौटेंगे, लेकिन उन्हें वास्तविकता की जानकारी नहीं होती है. कुछ बच्चे पैसे खत्म होने के बाद वापस लौट जाते हैं. कुछ शर्म के कारण नहीं लौटते हैं, जिस कारण उनकी जिंदगी बदतर हो जाती है. इसके बाद पेट की खातिर किसी प्रकार का काम करने से नहीं हिचकते हैं. वैसे बच्चे जो बड़ा आदमी बनने के चक्कर में अपने घर से भागते हैं, उनमें 100 में से 99 बच्चों की जिंदगी खराब हो जाती है.
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