केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-कालाजार, टीबी व फाइलेरिया को जड़ से किया जायेगा समाप्त, पांच नये मेडिकल कॉलेजों की बाधा दूर
बिहार ने हेल्थ सेक्टर में लंबी छलांग लगायी है : जेपी नड्डा पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को संवाद में राज्य में चल रही स्वास्थ्य परियोजनाओं सहित मेडिकल काॅलेज व स्वास्थ्य विभाग की अन्य परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक […]
बिहार ने हेल्थ सेक्टर में लंबी छलांग लगायी है : जेपी नड्डा
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को संवाद में राज्य में चल रही स्वास्थ्य परियोजनाओं सहित मेडिकल काॅलेज व स्वास्थ्य विभाग की अन्य परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक हुई.
मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बैठककाफी सार्थक रही. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में बिहार ने हेल्थ सेक्टर में काफी अच्छा काम किया है. उन्होंने बताया कि राज्य में खुलनेवाले पांच नये मेडिकल काॅलेज की जमीन संबंधी बाधा दूर हो गयी है. जल्द ही इस दिशा में और प्रगति होगी.
उन्होंने कहा कि कालाजार को बिहार में मात्र 10 प्रखंड में सीमित कर दिया गया है. कालाजार, टीबी और फाइलेरिया को जड़ से समाप्त किया जायेगा. बिहार में नियमित टीकाकरण में प्रगति की है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमारी मोदी. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और मुख्य सचिव दीपक कुमार व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में बैठक में आयुष्मान भारत, मेडिकल एजुकेशन के तहत दरभंगा श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया में बननेवाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की व्यवस्था समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गयी. बैठक में कालाजार उन्मूलन, नेशनल हेल्थ पालिसी, ग्राम स्वराज अभियान, ट्यूबरक्लोसिस, एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ाने सहित पटना, एम्स व हेल्थ सेक्टर से जुड़े अन्य मुद्दों पर गहन चर्चा हुई.
फेज–1 के तहत पूर्णिया, समस्तीपुर, सारण व फेज–2 के तहत सीतामढ़ी, झंझारपुर, सीवान, बक्सर और जमुई में बननेवाले नये मेडिकल कॉलेज की मूलभूत संरचना, जमीन सहित अन्य जरूरतों व समस्याओं के समाधान पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा हुई. बैठक में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हेल्थ सेक्टर में चल रही योजनाओं का प्रेजेंटेशन दिया गया.
मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तीकरण, मातृ मृत्यु दर, फर्टिलिटी रेट व भ्रूण हत्या को ध्यान में रख कर बिहार में शुरू की गयी सीएम कन्या उत्थान योजना की चर्चा की. उन्होंने कहा कि जो भी हेल्थ सेक्टर में काम हो रहे हैं, उसकी नियमित मॉनीटरिंग होनी चाहिए. हेल्थ सेक्टर में बिहार में मेडिकल के साथ-साथ एजुकेशनल पार्ट पर भी काफी ध्यान दिया गया. अस्पतालों में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड समेत संविदा कर्मियों के मुद्दों पर भी मुख्यमंत्री ने चर्चा की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारियों को इस समीक्षा बैठक के लिए धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा बैठक से हेल्थ सेक्टर में काफी सुधार होगा.
उन्होंने कहा कि नवंबर, 2005 में हमलोगों ने काम संभालते ही हेल्थ, एजुकेशन के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में काम शुरू किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कालाजार उन्मूलन के लिए अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों व उनके साथ रहनेवाले एक अटेंडेंट को आर्थिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स पर मरीजों का लोड घटे, इसके लिए आवश्यक है कि पटना एम्स को वाइडेन करने के साथ ही डिपार्टमेंट को भी बढ़ाने की आवश्यकता है. बिहार के जो कालाजार अफेक्टेड एरिया हैं, उन 10 प्रखंडों के कच्चे घरों में रहनेवाले लोगों को पीएम ग्रामीण आवास योजना से जोड़ कर पक्का घर बनाने की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है.
इस दिशा में ग्रामीण विकास मंत्रालय को काम करना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति जतायी. बैठक में सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार मनोहर अगनानी, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार सिंह, बीएमएसआईसीआईएल के एमडी संजय कुमार सिंह, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा, विनय कुमार, सीएम केविशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार मौजूद थे.
एम्स पटना में अगस्त से इमरजेंसी, ओटी व ट्राॅमा सेंटर काम करने लगेगा
समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य इंडिकेटर में काम मिशन मोड पर हुआ है और भारत सरकार हरसंभव सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार है. दस साल में मातृ मृत्यु दर 312 से 165 पर पहुंच गया. शिशु मृत्यु दर 42 से 38 हो गया है. टीनेज प्रेग्नेंसी 25 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत पर पहुंच गयी है. टीनेज मैरेज 69 प्रतिशत से 42 प्रतिशत पर पहुंच गया है.
नियमित टीकाकरण 18 प्रतिशत से 85 प्रतिशत पर पहुंच गया है. मिशन इंद्रधनुष और मेडिकल एजुकेशन में भी अच्छी प्रगति हुई है. लिम्फेटीक फ्लेरेसिस की दृष्टि से भी अच्छा काम हुआ है, दो जिलों में सुपरविजन भी शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत से बिहार में जो भी स्कीम चल रही हैं, उन्हें जोड़ा जायेगा. एम्स पटना में अगले महीने से इमरजेंसी, ओटी और ट्राॅमा सेंटर काम करने लगेगा.जल्द ही इस दिशा मेंकाम शुरू किया जायेगा.