नकली स्टांप के सरगना पुलिस गिरफ्त से दूर

पटना सिटी: नकली स्टांप पेपर छापनेवाले अंतर राज्य गिरोह का ठिकाना पटना सिटी है. 31 मई को नकली स्टांप के साथ पकड़े गये दो अभियुक्तों के बाद पुलिस ने जब फाइल खोला, तब पता चला कि अगमकुआं थाना क्षेत्र के दाउद विगहा स्थित एक मकान में 20 अगस्त 2011 को 54 करोड़ 49 लाख का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:44 PM

पटना सिटी: नकली स्टांप पेपर छापनेवाले अंतर राज्य गिरोह का ठिकाना पटना सिटी है. 31 मई को नकली स्टांप के साथ पकड़े गये दो अभियुक्तों के बाद पुलिस ने जब फाइल खोला, तब पता चला कि अगमकुआं थाना क्षेत्र के दाउद विगहा स्थित एक मकान में 20 अगस्त 2011 को 54 करोड़ 49 लाख का नकली स्टांप पकड़ा गया था. यहां नकली नोटों की भी छपाई होती थी. पुलिस की विशेष टीम छानबीन में जुटी है. पुलिस ने आलमगंज थाना क्षेत्र के अरफाबाद निवासी आनंद व रत्न श्रीवास्तव को गिरफ्तार करने के बाद गहन पूछताछ शुरू की.

टीम ने की पड़ताल शुरू
दोनों अभियुक्तों को पुलिस ने दो दिन पूर्व 21 लाख रुपये के फरजी स्टांप के साथ गांधी मैदान थाना स्थित ऑटो स्टैंड के पास से उस समय पकड़ा, जब दोनों स्टांप को असम भेजने की तैयारी में थे. आर्थिक अपराध इकाई ने मामला दर्ज किया है. पकड़े गये अभियुक्तों के बाद पुलिस की एक टीम ने नकली स्टांप छपाई व बिक्री के मामले में पड़ताल शुरू की, तब अगमकुआं का मामला सामने आया. इसमें कई अभियुक्त पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

पुलिस अगमकुआं के अलावा खाजेकलां, सुल्तानगंज, आलमगंज, चौक, मेहंदीगंज समेत अन्य थाना क्षेत्रों में नकली स्टांप पेपर के मामले उजागर कर चुकी है. आलमगंज के मीना बाजार व मेहंदीगंज के कसबा में भी करोड़ों रुपये के नकली स्टांप पकड़े जा चुके हैं. मेहंदीगंज का मुख्य सरगना मनोहर मिश्र आज तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका. सीबीआइ की एक टीम ने भी गोरखधंधे में शामिल लोगों की सूची तैयार की थी. नकली नोट व स्टांप का अवैध कारोबार का जाल बिहार के अलावा दूसरे प्रांतों से भी जुड़ा है.

Next Article

Exit mobile version