बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी के स्थापना दिवस में डीजीपी ने की घोषणा, थानों में 10500 महिला पुलिसकर्मी होंगी तैनात

पटना : बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी के स्थापना दिवस पर डीजीपी केएस द्विवेदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को देखते हुए राज्य के प्रत्येक थाना में तीन महिला दारोगा और 10 महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जायेगी यानी कुल 10500 महिला पुलिसकर्मी तैनाती होंगी. बल में महिलाओं पर्याप्त संख्या होने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2018 6:21 AM
पटना : बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी के स्थापना दिवस पर डीजीपी केएस द्विवेदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को देखते हुए राज्य के प्रत्येक थाना में तीन महिला दारोगा और 10 महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जायेगी यानी कुल 10500 महिला पुलिसकर्मी तैनाती होंगी. बल में महिलाओं पर्याप्त संख्या होने के कारण उनको पुलिस के सभी कार्यों को भागीदारी देनी होगी. यदि छूट की याचना करेंगी तो कार्य प्रभावित होगा. डीजीपी ने राज्य के पुलिस बल की पूर्व और वर्तमान की स्थिति का आंकड़ों के साथ ब्यौरा भी पेश किया.
बिहार में एक जनवरी 2006 में पुलिस में मात्र 880 महिलाएं थीं. आज पुलिस में बल की संख्या 87664 है. इसमें महिलाओं की संख्या 13701 है. बल में महिलाओं का प्रतिशत 15.62 हो गया है. इस मौके पर प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी ने महिला बल के लिये संसाधनों, प्रशिक्षण और अन्य बुनियादी सुविधाओं में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.
पटना : ऐसे बना अनुसूचित जनजाति की महिलाओं का पहला बल
पटना : बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी देश में यह पहला ऐसा पुलिस बल है जिसमें अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को ही शामिल किया गया है.
इसके गठन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विस्तार से बताया, जब वह रेल मंत्री थे तो चंपारण में एक कार्यक्रम में थारु जाति के बारे में जानकारी हुई. मैंने प्रयास कर थारु जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराया. अनुसूचित जनजातियों की प्रतिष्ठा और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
इसी के तहत आदिवासी महिलाओं के लिए बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी का गठन किया गया है. इसमें 222 लड़कियां लिखित एवं शारीरिक परीक्षा पास कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. परेड का नेतृत्व करने वाली बीएमपी 14 की डीएसपी निर्मला और एएसआई पटना रीना कुमारी की मुख्यमंत्री ने मंच से तारीफ की.
कई जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का भेजा प्रस्ताव : मुख्यमंत्री
पटना : मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की आबादी कम है. बिहार–झारखंड बंटवारे के बाद अब अनुसूचित जनजातियों की ज्यादा आबादी झारखंड में है. राज्य की अन्य जातियों द्वारा अनुसूचित जनजाति मेें उन्हें शामिल करने की मांग की गई है, जिसकी अनुशंसा केंद्र को भेज दी गई है.
महिलाओं को पुलिस बल में 35 प्रतिशत का आरक्षण वर्ष 2013 से लागू किया गया है. पूर्व से ही पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत का आरक्षण है यानि 97 प्रतिशत में से अलग से महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है.
बिहार सैन्य पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने भी बल की खूबियां और आगे की रणनीति पर विचार रखे. महानिदेशक होमगार्ड एवं अग्निशमन रविंद्र कुमार, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड सुनील कुमार, सेवानिवृत्त पूर्व डीजी एवं सदस्य बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पीके राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार आदि मौजूद रहे.

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