पटना : मौसम हुआ बेईमान, मुख्य सचिव ने दिये कंटीजेंसी प्लान तैयार करने के निर्देश
पटना : मौसम के मिजाज ने सरकार को परेशान करके रख दिया है. जुलाई में न के बराबर बारिश हुई है. इससे हालात और चिंताजनक हो चले हैं. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कृषि विभाग को डीजल सब्सिडी तुरंत बांटने के निर्देश दिये हैं. साथ ही कंटीजेंसी प्लान तैयार करने को कहा है. ताकि किसी […]
पटना : मौसम के मिजाज ने सरकार को परेशान करके रख दिया है. जुलाई में न के बराबर बारिश हुई है. इससे हालात और चिंताजनक हो चले हैं. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कृषि विभाग को डीजल सब्सिडी तुरंत बांटने के निर्देश दिये हैं.
साथ ही कंटीजेंसी प्लान तैयार करने को कहा है. ताकि किसी भी हालात से निबटने में किसी तरह की बाधा न आये. शुक्रवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक हुई. इसमें संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ तमाम बिंदुओं पर मुख्य सचिव ने समीक्षा की.
मुख्य सचिव को मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि अब तक बारिश नहीं हुई है. पर, 21 जुलाई के बाद भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि बारिश इतनी होगी कि जुलाई का कोटा पूरा हो जायेगा. मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि ऐसा न हो कि बाढ़ की स्थिति हो जाये. इसलिए हर हालात से निबटने को तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं.
दूसरी ओर, सूखा से निबटने को लेकर भी सरकार ने कमर कस लिया है. विभागीय स्तर पर तैयारियां पूरी करने को कहा गया है. चारा की पर्याप्त व्यवस्था कर लेने के निर्देश दिये गये हैं. जल संसाधन विभाग को कहा गया है कि पानी छोड़ने को लेकर पूरी योजना बनाकर वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाये, ताकि आम जनता भी देख सके कि कहां तक पानी पहुंचा है. सोन कैनाल में पानी 115 लाख क्यूसेक होना चाहिए. परंतु काफी कम है. अधिकारियों ने बताया कि 5-7 दिनों में पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंच जायेगा. कृषि विभाग ने बताया कि बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपनी प्रभावित हुई है. प्रदेश में मात्र 13 फीसदी ही रोपनी हो पायी है.
विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो 318 ब्लॉकों में काफी कम वर्षा हुई है. बैठक में जल स्तर नीचे जाने के मामले पर भी चर्चा हुई . कैमूर और गया में सबसे ज्यादा पानी का स्तर नीचे गया है. बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के अलावा कृषि, जल संसाधन, मौसम विभाग के पदाधिकारी भी उपस्थित थे. बता दें कि मुख्य सचिव के निर्देश पर हर शुक्रवार को क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक होती है.
पैसे का प्रबंधन एक नये सॉफ्टवेयर से करने की तैयारी
पटना : वित्त विभाग ने ऑनलाइन वित्तीय प्रबंधन और बजटीय लेन-देन की मॉनीटरिंग कंप्यूटर के माध्यम से करने के लिए सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) नामक सॉफ्टवेयर शुरू किया था. परंतु अप्रैल से शुरू की गयी यह प्रणाली अब तक पूरी तरह से काम नहीं कर पा रही है. इससे अधिकतर विभागों के निदेशालय स्तर पर पेमेंट पास नहीं हो पा रहा है. बिल भी पास होने में काफी समस्या आ रही है.
इन समस्याओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी कार्य विभाग के लिए एक नया सॉफ्टवेयर खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है.डब्ल्यूएएमआईएस (वर्क्स एंड एकाउंट मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) नामक इस सॉफ्टवेयर को सी-डैक ने तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर का मुख्य कार्य निर्माण समेत अन्य सभी तरह के कार्य से जुड़े विभागों का बेहतर तरीके से वित्तीय प्रबंधन और इनके खर्च से जुड़े बिल को पास कर पूरा हिसाब-किताब रखना है. सीएफएमएस के ठीक से काम नहीं करने से सबसे ज्यादा परेशानी कार्य विभागों को ही हो रही है. इन विभागों का बिल पास होने और खर्च का ऑनलाइन हिसाब रखने में समस्या आ रही है.
इस वजह से ही इस नये सॉफ्टवेयर को अपनाने की कवायद की जा रही है. यह सॉफ्टवेयर कार्य विभाग के सभी कार्यों का निष्पादन ऑनलाइन करने में पूरी तरह से सक्षम होगा.नये सॉफ्टवेयर की खरीद समेत इसमें मौजूद तमाम तकनीकी खूबियों की समीक्षा करने के लिए हाल में मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में विशेष बैठक हुई थी. इस दौरान मुख्य सचिव ने इस सॉफ्टवेयर को खरीदने से संबंधित तमाम बातों की गहन समीक्षा करने के लिए एक कमेटी बनाने का आदेश दिया. इसके बाद भवन निर्माण विभाग और पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख लक्ष्मी नारायण दास की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है.