शाह-नीतीश की बैठक के बाद सीटों के बंटवारे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकलने को लेकर BJP-JDU उत्साहित

पटना : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के बीच दो दौर की सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद दोनों पार्टियों के नेता आगामी लोकसभा चुनाव के लिये सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला सही तरीके से निकाल लिये जाने को लेकर उत्साहित हैं. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्विटर पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2018 10:50 PM

पटना : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के बीच दो दौर की सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद दोनों पार्टियों के नेता आगामी लोकसभा चुनाव के लिये सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला सही तरीके से निकाल लिये जाने को लेकर उत्साहित हैं. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्विटर पर हिंदी में लिखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सहजता बढ़ने से विपक्ष ‘डेंजर जोन (जोखिम भरे क्षेत्र)’ में है.

सुशील मोदी ने कहा कि इसने दोनों पार्टियों के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बिहार में 2019 के आम चुनावों में सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिये एकजुट होकर काम करने का संदेश दिया है. जदयू के प्रवक्ताओं ने भी अब इन बैठकों के बाद से 40 सीटों में से बड़े हिस्से पर पार्टी के दावे पर नरम रुख अपना लिया है. इसकी बजाय वे दोनों नेताओं के व्यापक और सौहार्दपूर्ण तालमेल पर पहुंचने पर जोर दे रहे हैं.

जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, जब हमारे बीच मित्रवत संबंध होंगे तो सीटों का बंटवारा समस्या नहीं होगी. सीपी ठाकुर समेत प्रदेश भाजपा के अन्य नेता भी बिहार में राजग में जदयू को जो महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है उसे स्वीकार करते नजर आते हैं. गुरुवार को पटना में शाह ने कहा कि राजग हमेशा की तरह मजबूत है. प्रदेश भाजपा नेताओं को दिए संभावित संकेत के तौर पर उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सिर्फ तेदेपा ने राजग को छोड़ा है, लेकिन गठबंधन को मजबूत बनाने के लिये कुमार इसमें दोबारा शामिल हुए हैं.

सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर सर्वोच्च स्तर पर चर्चा होने के मद्देनजर प्रदेश के नेता इस बारे में बात करने से बच रहे हैं. नाम न जाहिर करने की शर्त पर उनमें से एक ने हालांकि कहा कि शाह के पहले रामविलास पासवान नीत लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा नीत रालोसपा के साथ चर्चा करने की उम्मीद है ताकि अधिकतम सीटें जीतने के लिये गठबंधन की संभावना को समझा जा सके.

2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में लोजपा ने तीन और रालोसपा ने भी तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. भाजपा में सूत्रों ने बताया कि शाह उसके बाद ही कुमार से सीटों के बंटवारे पर विस्तार से चर्चा करेंगे. सूत्रों ने बताया कि राजग के लिये अधिक से अधिक सीटें जीतने पर जोर होगा, न कि किसी खास घटक दल को वरिष्ठ भागीदार के तौर पर पेश करने पर रहेगा. भाजपा और जदयू में सूत्रों ने कहा कि यह रवैया पारस्परिक स्वीकार्य और सम्मानजनक समाधान तक पहुंचने में उनकी मदद करेगा. भाजपा अध्यक्ष के नवंबर में फिर से बिहार आने की उम्मीद है. इस दौरान वह पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे. वहीं, जदयू का अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का कार्यक्रम पहले से ही चल रहा है.

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