लाखों की फॉगिंग मशीन हुई खराब, नहीं हो रहा छिड़काव

पटना : शहर में मच्छरों का प्रकोप कम करने के लिए हाल ही में खरीदी गयीं 21 सेमी फॉगिंग मशीनें खराब पड़ी हैं. नगर निगम इन्हें सुधरवाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा. केवल तीन बड़ी मशीनों के जरिये पूरी राजधानी में छिड़काव किया जा रहा है. इनकी जद में अब तक शहर का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2018 3:40 AM
पटना : शहर में मच्छरों का प्रकोप कम करने के लिए हाल ही में खरीदी गयीं 21 सेमी फॉगिंग मशीनें खराब पड़ी हैं. नगर निगम इन्हें सुधरवाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा. केवल तीन बड़ी मशीनों के जरिये पूरी राजधानी में छिड़काव किया जा रहा है. इनकी जद में अब तक शहर का पांच फीसदी हिस्सा भी नहीं आ पाया है. निगम के जनप्रतिनिधि भी इस ओर आंखें बंद किये हुए हैं.
भले ही राजधानी में मॉनसून ने अभी तक दमदार दस्तक नहीं दी है, लेकिन शहर के नालों में भरा सीवर सड़ांध मारने लगा है. इस वजह से मच्छरों को प्रकोप बढ़ गया है. इसके बावजूद शहर के सैकड़ों मोहल्लों में मच्छर मारने की दवा का नियमित छिड़काव नहीं किया जा रहा है. रोटेशन के आधार पर मोहल्ले में करायी जा रही फॉगिंग भी केवल कागजों में हो रही है. निगम प्रशासन का कहना है कि फॉगिंग मशीनों की संख्या कम है, जिससे नियमित फॉगिंग कराना संभव नहीं हो पा रहा है.
बड़ी फॉगिंग मशीनों से निभायी जा रही औपचारिकता : नूतन राजधानी अंचल(एनसीसी) क्षेत्र में वार्डों की संख्या 32 हैं. इन वार्डों में नियमित मच्छर मारने की दवाओं का छिड़काव करने के लिए तीन बड़ी और 21 छोटी फॉगिंग मशीनें हैं. छोटी फॉगिंग मशीनों में से एक भी चालू नहीं है. सिर्फ तीन बड़ी मशीनों के सहारे एनसीसी में फॉगिंग करायी जा रही है. बांकीपुर व कंकड़बाग अंचल में दो बड़ी फॉगिंग मशीन और पटना सिटी अंचल में तीन बड़ी फॉगिंग मशीन चालू हैं. वहीं, इन अंचलों में करीब 35 छोटी फॉगिंग मशीन हैं, जो खराब पड़ी हैं. इन छोटे फॉगिंग मशीनों को दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है.
मंडरा रहा है डेंगू का खतरा
निगम क्षेत्र में दर्जनों खुले नाले हैं. बारिश के दौरान चारों अंचलों के सैकड़ों मोहल्लों में जलजमाव की समस्या और गहरा जायेगी. जलजमाव वाले क्षेत्रों में डेंगू मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है. इससे राजधानी क्षेत्र में डेंगू मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है. इस संदर्भ में निगम प्रशासन की तैयारी अब तक सिफर ही है. निगम प्रशासन कहता है कि कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि छोटी फॉगिंग मशीनों को दुरुस्त करा लें. इसके साथ ही जरूरत के अनुरूप बड़ी फॉगिंग मशीनों की खरीद की जायेगी, ताकि मच्छर मारने की दवाओं का नियमित छिड़काव किया जा सके.

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