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विशेष राज्य का दर्जा बिहार की जरूरत, 2006 से ही हम कर रहे हैं मांग : नीतीश

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य दर्जे पर बड़ी बात कही है. नीतीश कुमार ने मांग को दोहराते हुए कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों मिलना चाहिए? ये सवाल बार-बार आता […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य दर्जे पर बड़ी बात कही है. नीतीश कुमार ने मांग को दोहराते हुए कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों मिलना चाहिए? ये सवाल बार-बार आता है. मेरा मानना है कि हर मायने में बिहार पिछड़ा है, प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी बिहार निचले पायदान पर है.

बिहार हर साल प्राकृतिक आपदाएं झेलता है. ऐसे में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना तर्क संगत है. सरकार और सर्वदलीय बैठक के बाद यह मांग रखी जा रही है, जिस पर बिहार की जनता और सभी दल एकमत हैं. मुख्यमंत्री पटना में लोक संवाद की बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि किसानों को हर संभव सहायता पहुंचाना हमारी प्रॉयरिटी है, इसके लिए सरकार गंभीर है. इसके लिए हमने किसान फसल सहायता की शुरुआत की है.

मुजफ्फरपुर और छपरा में बाल सुधार गृह में यौन शोषण मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि संबंधित विभाग लगातार इस संबंध में कार्रवाई कर रहा है और जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

भाजपा नेताओं से वन-टू-वन होगी बात
मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव 2019 में सीटों के बंटवारे को लेकर कहा कि इस बारे में बीजेपी नेताओं से वन-टू-वन बात की जायेगी. इस मामले में तीन से चार हफ्ते में भाजपा की तरफ से प्रस्ताव आयेगा. सीट शेयरिंग के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि ये मसला जल्द ही तय कर लिया जायेगा.

ब्लड बैंक के प्रोसेसिंग फी माफ करेगी बिहार सरकार
वहीं, लोक संवाद कार्यक्रम में औरंगाबाद से आये आस्तिक शर्मा ने पशुपालन विभाग से जुड़ा सुझाव दिया. उन्होंने भेटनरी कॉलेज में जानवरों को चारा नहीं मिलने की जानकारी दी. भेटनरी कॉलेज से पशुओं को कसाई खाना भेजा जा रहा है. पशु खरीद मामले में भी गड़बड़ी की जा रही है. इसके लिए कारगर कदम उठाये जाने की मांग की.

पटना के मुकेश हिसारिया ने सीएम ब्लड की समस्या से निदान के लिए कई सुझाव दिया. थेलेसिमिया के मरीजों को ब्लड मुहैया कराने संबंधी सुझाव दिया. इसके साथ ही मुकेश ने ब्लड के प्रोसेसिंग फी को फ्री करने का सुझाव दिया. प्रोसेसिंग में एक यूनिट में 400 से 500 रुपये खर्च होते हैं. मुकेश हिसारिया के सभी सुझाव को सीएम नीतीश ने व्यावहारिक बताया. अधिकारियों को हर सुझाव पर विचार करने का निर्देश दिया. इस पर स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि ब्लड बैंक के प्रोसेसिंग फी को बिहार सरकार माफ करेगी. वैशाली से आये चंदन कुमार ने स्कूलों के माहौल और मिड डे मील में सुधार के लिए सुझाव दिया. शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए कानून में बदलाव का भी सुझाव दिया.

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