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पटना : 864 किमी सड़कें होंगी चकाचक

पटना : नक्सल प्रभावित पांच जिलों औरंगाबाद, गया, जमुई, बांका व मुजफ्फरपुर में 864 किलोमीटर सड़कें चकाचक होंगी. सड़कों के जीर्णोद्धार पर 1228 करोड़ खर्च होंगे. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि उग्रवाद प्रभावित पांच जिलों में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण, भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग आदि विकास कार्यों के लिए पथ निर्माण विभाग ने […]

पटना : नक्सल प्रभावित पांच जिलों औरंगाबाद, गया, जमुई, बांका व मुजफ्फरपुर में 864 किलोमीटर सड़कें चकाचक होंगी. सड़कों के जीर्णोद्धार पर 1228 करोड़ खर्च होंगे. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि उग्रवाद प्रभावित पांच जिलों में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण, भू-अर्जन, यूटिलिटी शिफ्टिंग आदि विकास कार्यों के लिए पथ निर्माण विभाग ने 1228.83 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
स्वीकृत योजना के तहत औरंगाबाद, गया, जमुई, बांका व मुजफ्फरपुर जिलों में लगभग 864 किलोमीटर सड़कों के उन्नयन, विकास व जीर्णोद्धार का काम होगा. उन्होंने कहा कि सड़कों के जीर्णोद्धार के लिए भारत सरकार की ओर से 60 फीसदी व राज्य सरकार की ओर से 40 फीसदी राशि खर्च होगी.
पटना : मनरेगा योजना में अब जन सरोकार और जन साधारण से जुड़े कई कार्य कराये जा सकते हैं. इसके तहत अब सरकारी स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर खेल मैदान भी बनाये जा सकते हैं. इस योजना में केंद्र के स्तर से आर्थिक सहायता या केंद्रांश के रुपये पूरे नहीं मिलने के कारण मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों के पेमेंट में समस्या आ रही है.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्र से जरूरत के मुताबिक पैसे नहीं मिलने से काम करने वालों की मजदूरी का भुगतान निर्धारित समय पर नहीं हो पाता है. अगर केंद्र से मनरेगा के तहत निर्धारित राशि का भुगतान समय पर हो, तो इसके तहत कार्य कराने में काफी तेजी आये.
उन्होंने कहा कि पिछले और वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा के दौरान केंद्र सरकार ने अब तक 300 करोड़ रुपये जारी नहीं किये हैं. इस वजह से मनरेगा में कई स्थानों पर पेमेंट में समस्या आ रही है. चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान अब तक 1521 करोड़ रुपये ही आये हैं. इसमें अब तक लक्ष्य से करीब पौने तीन सौ करोड़ रुपये कम आये हैं.
इससे पहले विभागीय मंत्री श्रवण कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य रोजगार गारंटी पर्षद की बैठक विभागीय सभागार में हुई. इसमें कई जन कल्याणकारी कार्य कराने से संबंधित कई अहम निर्णय लिये गये. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास जिला पर्षद को भी मनरेगा की एजेंसी के तौर पर नामित करने का प्रस्ताव भेजा गया है. पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान मजदूरी मद में 1941 करोड़ रुपये केंद्र से मिले.
जबकि, सामग्री मद में 528 करोड़ केंद्रांश और 500 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने अपना राज्यांश दिया है. पिछले वित्तीय वर्ष में 12 करोड़ 50 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य राज्य को दिया गया था, जिसमें आठ करोड़ 17 लाख मानव दिवस ही सृजित हो पाये.

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