पटना : तेजस्वी यादव देश में पराजित लोगों से कर रहे हैं संधि : संजय सिंह

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पूरे देश में घूम-घूम कर विपक्ष को नीतीश कुमार के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं. फिर भी उनको सफलता नहीं मिल रही है. एक पराजित हुआ व्यक्ति घूम-घूम कर लोगों से संधि करता है, ठीक उसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2018 6:07 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पूरे देश में घूम-घूम कर विपक्ष को नीतीश कुमार के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं. फिर भी उनको सफलता नहीं मिल रही है.
एक पराजित हुआ व्यक्ति घूम-घूम कर लोगों से संधि करता है, ठीक उसी तरह तेजस्वी पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. विपक्षी पार्टी के नेताओं को उन पर भरोसा नहीं रहा. सब जानते हैं कि राजद नेता को राजनीति की कितनी गहराई है. राजनीति में उनकी कितनी समझ है? वह कितनी दूर तक चल सकते हैं? सब जानते हैं कि तेजस्वी डिजाइनर नेता हैं.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि एक शासक के प्रति यदि पूरा विपक्ष एकजुट हो जाये तो यह माना जाता है वह शासक ईमानदार है. उन्होंने कहा कि अभी तेजस्वी यादव बिहार आये नहीं हैं, लेकिन उनके बिहार आने का माहौल बनाया जाने लगा है. तेजस्वी साइकिल यात्रा निकालने वाले है.
साइकिल तो रिश्तेदार की है. थोड़े दिनों के लिए भाड़े पर मिल सकती है. वैसे भी असफल रिश्तेदार से एक पंचर साइकिल ही तेजस्वी को मिल सकती है. राजनीति में बैसाखी के सहारे लालू प्रसाद के पुत्र अपनी राजनीतिक बैतरणी पार करने की कोशिश कर रहे हैं.
उनको यह समझना होगा कि लालू प्रसाद का दौर कुछ और था, अब का दौर कुछ और है. जनता अब हवाई जहाज और रॉकेट की स्पीड से चलना चाहती है. दोनों भाई साइकिल और रिक्शा की सवारी कराना चाहते हैं. जनता जानती है कि दोनों की समझ कितनी छोटी है और वह बिहार को लालटेन युग में ले जाना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपनी अलग राजनीतिक हैसियत है. बिहार में पॉलिटिकल चाभी यदि किसी के पास है तो उस शख्स का नाम नीतीश कुमार है.
हर किसी की यह चाहत होती है कि नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से उन्हें आशीर्वाद देते तो उनकी राजनीति ठीक हो जाये. लालू प्रसाद के पुत्र दोनों भाइयों के केस में भी यही कुछ हुआ. नीतीश कुमार ने दोनों को आशीर्वाद नहीं दिया होता तो दोनों सदन की दहलीज पर कदम भी नहीं रख पाते.

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