पटना : सीएम नीतीश कुमार का ग्रामीण कार्य विभाग को आदेश, सड़कों की मरम्मत के लिए बनाएं ठोस नीति

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग को प्रदेश की ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के लिए ठोस नीति बनाने और इसे कैबिनेट में पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही इसके लिए करीब 2600-3000 करोड़ रुपये खर्च करने की सहमति दी है. वे गुरुवार को विभाग की समीक्षा कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2018 7:21 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग को प्रदेश की ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के लिए ठोस नीति बनाने और इसे कैबिनेट में पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही इसके लिए करीब 2600-3000 करोड़ रुपये खर्च करने की सहमति दी है. वे गुरुवार को विभाग की समीक्षा कर रहे थे.
इस दौरान उन्होंने अगले दो वर्षों में प्रस्तावित ग्रामीण सड़कों को बनाने और अगले एक-दो माह में सभी निर्मित सड़कों की अनिवार्य मरम्मत और रखरखाव का काम शुरू करने का भी निर्देश दिया.
इस समीक्षा बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि प्रदेश में 73 हजार किमी की लंबाई में विभिन्न कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है. राज्य के करीब 74 हजार बसावटों को इससे जोड़ दिया गया है.
अगले दो वर्षों में राज्य सरकार की योजना सभी चिह्नित ग्रामीण सड़कों के निर्माण को सुनिश्चित करने की है. इससे 250 या अधिक आबादी वाले राज्य की सभी बसावटों को कम से कम एक पक्की सड़क मिल जायेगी. साथ ही विशेष तौर पर चिह्नित किये गये सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के 4647 टोलों को भी पक्की सड़क की सुविधा मिल जायेगी.
समीक्षा में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, विकास आयुक्त शशि शेखर शर्मा, प्रधान सचिव वित्त सुजाता चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार सहित ग्रामीण कार्य विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी और अभियंता उपस्थित थे.
रखरखाव के अभाव में सड़कों की हालत हो रही खराब
विभाग ने बताया कि इस समय राज्य में करीब 9,500 ग्रामीण सड़क ऐसी है जिनका निर्माण के बाद पंचवर्षीय रखरखाव समाप्त हो चुका है. इन सड़कों की स्थिति खराब होती जा रही है. इनकी लंबाई करीब 35 हजार किलोमीटर है.
वहीं करीब 1,400 सड़कें ऐसी हैं, जिनके रखरखाव की अवधि पांच साल पहले समाप्त हो चुकी है. इनकी मरम्मत, सुधार और रखरखाव की कोई नीति नहीं है. कुछ सड़कों को श्रेणी-1 की सड़क मानकर मरम्मत और रखरखाव के लिए कार्य स्वीकृत किया जाता है, लेकिन यह जरूरत के हिसाब से काफी कम है.
ग्रामीण कार्य विभाग ने मुख्यमंत्री को बताया कि वर्तमान में करीब 35 हजार किलोमीटर की लंबाई में सड़कों की मरम्मत और रखरखाव की जरूरत है. अगले वर्ष से प्रतिवर्ष करीब पांच हजार किमी की लंबाई में सड़कों की अतिरिक्त लंबाई की मरम्मत और रखरखाव की जरूरत होगी.

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