पटना : मुजफ्फरपुर स्थित रिमांड होम में वहशी दरिदों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर सात वर्षीया बच्ची को नहीं छोड़ा. मानवीय मूल्यों को कलंकित करनेवाली इस घटना का खुलासा पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) की मेडिकल रिपोर्ट में की गयी है. अस्पताल प्रशासन ने 29 लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस को भेज दी है. दुष्कर्म के इस खुलासे के बाद हड़कंप मचा हुआ है. साथ ही रिमांड होम पर बड़े स्तर पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.
कई बच्चियों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं
दुष्कर्म के बाद पीएमसीएच में हुई मेडिकल जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि 29 में कई ऐसी बच्चियां हैं, जिनकी हालत काफी खराब है. इतना ही नहीं दुष्कर्म के पहले भी उनकी मानसिक हालत खराब थी, जिसका फायदा उठाते हुए उनके साथ दुष्कर्म किया गया है. इसकी पुष्टि करते हुए अस्पताल प्रशासन ने पूरी रिपोर्ट बनाकर मुजफ्फरपुर पुलिस को भेजा है. इतना ही नहीं कई ऐसी लड़कियां हैं, जिनके साथ दो साल से दुष्कर्म किया जा रहा है. इसका गहरा असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ा है.
क्या है मामला
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही किशोरियों से यौन शोषण-प्रताड़ना का खुलासा मई महीने में हुआ था. मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ‘कोशिश’ टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया है. 100 पेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट को टीम ने 26 मई को बिहार सरकार, पटना और जिला प्रशासन को भेजा था. इसके बाद बालिका गृह से 46 किशोरियों को 31 मई को मुक्त कराया गया. इनको पटना, मोकामा और मधुबनी के बालिका गृह में भेजा गया है. मामला प्रकाश में आने के बाद रिमांड होम संचालित कर रही एक एनजीओ पर एफआईआर दर्ज कराया गया था. इसके बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने 29 किशोरियों की मेडिकल जांच के लिए पीएमसीएच को भेजा था. करीब 20 दिन तक चले इस मेडिकल जांच के बाद अस्पताल प्रशासन ने 29 किशोरियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की और रिपोर्ट बनाकर पुलिस को भेज दी. मेडिकल रिपोर्ट को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी.
29 लड़कियों की हुई दुष्कर्म की पुष्टि
दुष्कर्म मामले की संदेह के बाद पुलिस प्रशासन ने 29 नाबालिग लड़कियों को पीएमसीएच में मेडिकल जांच के लिए भेजा था. सभी जांच के लिए आयी 29 लड़कियों में दुष्कर्म की पुष्टि हुई हैं. ये सभी लड़कियां नाबालिग हैं और रिमांड होम में रहती थी. अस्पताल प्रशासन ने जांच के एक सप्ताह बाद ही लड़कियों को मुजफ्फरपुर पुलिस के हवाले सौंप दिया गया था. पुलिस की देखरेख में कुछ लड़कियों को मोकामा, कुछ को भागलपुर आदि जगहों पर गहन निगरानी में रखा गया है, जहां उनको विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
सात वर्षीया पीड़िता को बोलने में भी हो रही परेशानी
मेडिकल जांच कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि नाबालिग बच्चियों के साथ एक नहीं, बल्कि कई बार दुष्कर्म किये गये हैं. जख्म के निशान के देख डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है. डॉक्टरों की मानें तो सात साल की जिस बच्ची के साथ दुष्कर्म किये गये उसको बोलने में भी तकलीफ हो रही थी. नतीजा पुलिस को बयान लेने में भी तकलीफ हो रही थी. डॉक्टरों ने बार-बार दुष्कर्म से पीड़ित लड़कियों को संज्ञान में लेते हुए भी रिपोर्ट बनाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नाबालिग लड़कियों के साथ पिछले दो से तीन साल से दुष्कर्म किया जा रहा था.
क्या कहते हैं अधिकारी
पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ आरके जेमेयार ने बताया कि दुष्कर्म की रिपोर्ट पुलिस को भेज दी गयी है. कुल 29 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है. इनमें एक सात साल की बच्ची है, जिसके साथ भी दुष्कर्म किया गया है. वहीं, मेडिकल जांच में यह भी पता चला कि कुछ लड़कियों की मानसिक हालत ठीक नहीं थी. वहीं जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा.
क्या कहते हैं अधीक्षक
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि मुजफ्फरपुर से पीएमसीएच में 29 लड़कियों को मेडिकल जांच के लिए लाया गया था. यहां इलाज व जांच के बाद मेडिकल रिपोर्ट बनाकर पुलिस प्रशासन को भेज दी गयी है. रिपोर्ट गोपनीय स्तर पर बनायी गयी है. इसे बंद लिफाफे में मुजफ्फरपुर पुलिस को भेज दी गयी है. जांच रिपोर्ट में सभी 29 लड़कियां नाबालिग हैं और कुछ ऐसी भी लड़कियां हैं, जिनके साथ काफी समय से दुष्कर्म किया जा रहा था.