शहरी मर्दों में खून की कमी हो रहे आलस्य के शिकार

बिहार पैथोलॉजिस्ट एसो व इंडियन डायग्नोस्टिक एसो की संयुक्त टीम ने दो साल तक किया सर्वे पटना : अक्सर आपने सुना होगा कि महिलाओं व लड़कियों में खून की कमी अधिक पायी जाती है. पुरुषों में खून की कमी मामले में हालात काफी बेहतर हैं. लेकिन, एक सर्वे ने इस धारणा की पोल खोल दी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2018 9:16 AM
बिहार पैथोलॉजिस्ट एसो व इंडियन डायग्नोस्टिक एसो की संयुक्त टीम ने दो साल तक किया सर्वे
पटना : अक्सर आपने सुना होगा कि महिलाओं व लड़कियों में खून की कमी अधिक पायी जाती है. पुरुषों में खून की कमी मामले में हालात काफी बेहतर हैं.
लेकिन, एक सर्वे ने इस धारणा की पोल खोल दी है और पता चला है कि पटना सहित पूरे बिहार में ऐसे पुरुषों की संख्या अधिक होती जा रही है, जो एनीमिक है और उनमें खून की कमी है. बिहार पैथोलॉजिस्ट एसोसिएशन व इंडियन डायग्नोस्टिक एसोसिएशन की संयुक्त टीम ने दो साल तक किये एक सर्वे में इस बात का खुलासा किया है. इसमें बताया गया है कि बिहार के शहरी इलाकों में रहनेवाले कुछ ऐसे पुरुष भी हैं, जो एनीमिक है. सर्वे में शहरी इलाकों में रहनेवाले करीब 15 प्रतिशत ऐसे पुरुष हैं, जो खून की कमी से ग्रस्त हैं.
शहरी पुरुषों के अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले पुरुष इस मामले में काफी बेहतर स्थिति में हैं. इसको देखते हुए डॉक्टरों ने खासकर शहरी पुरुषों को अलर्ट जारी किया है और उनको खान-पान बेहतर रखने के साथ ही हीमोग्लोबिन की जांच समय पर कराने का निर्देश जारी किया है. डॉक्टरों ने खून की कमी की बड़ी वजह बदलती लाइफस्टाइल, जंक फूड अधिक खाना और आयरन की कमी बताया है.
शरीर में आयरन की कमी और बवासीर रोग होने के बाद अधिक ब्लीडिंग के कारण शरीर में खून की कमी हो रही है. वहीं, डॉक्टरों की मानें, तो ग्रामीण इलाकों के अधिकांश पुरुष खान-पान के साथ लाइफ स्टाइल को मेंटेन किये हैं.
15 से 49 साल के लोग अधिक एनीमिक पटना सहित पूरे बिहार में 15 से 49 साल के पुरुष सबसे अधिक एनीमिक हैं. युवाओं में अधिक समस्या देखने को मिल रही है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में भी खुलासा हो चुका है. मामूली रूप से एनीमिक, मध्यम दर्जे के एनीमिक और हालत गंभीर वाले भी एनीमिक हैं. पीएमसीएच की मेडिकल डायरेक्टर डॉ रूपम ने बताया कि एनिमिया वह अवस्था है, जिसमें किसी व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है.
– आलस्य व जल्दी थक जाना
– काम में ध्यान न लगना
– दिल की धड़कन का बढ़ना
– नींद ज्यादा आना
– स्किन का पीला पड़ना
– बाल झड़ना

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