नयी दिल्ली/ पटना : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बिहार में जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने की कवायद शुरू की है. जिसके तहत वह राज्य के हर गांव में कमेटी का गठन और पंचायत अध्यक्ष की नियुक्ति करने जा रही है. इसके साथ ही कांग्रेस ने विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को जिला प्रभारी की जिम्मेदारी देने का भी फैसला किया है. पार्टी भले ही राजद के साथ गठबंधन में चुनाव लड़े लेकिन वह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में एक बार फिर से गांव-गांव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है.
कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल का कहना है कि अगले कुछ महीनों के भीतर बिहार के सभी पंचायतों और गांवों में पार्टी का संगठन होगा. गोहिल ने कहा, बिहार में हमारा प्रदेश, जिला और प्रखंड स्तर पर संगठन मौजूद है. हमें यह महसूस हुआ कि जब तक हम पंचायतों और और गांवों के स्तर पर संगठन निर्माण नहीं करेंगे. तब तक जमीनी स्तर पर हम मौजूदगी दर्ज नहीं करा सकते. इसलिए हमने हर पंचायत में पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त करने और हर गांव में पार्टी की कमेटी बनाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि बिहार में करीब नौ हजार पंचायतें हैं. हर पंचायत के अंतर्गत एक या एक से अधिक गांव हैं. कई पंचायतों में अध्यक्ष की नियुक्ति हो गयी है. गांवों में कमेटियां बनाने का काम भी शुरू हो रहा है. अपने पंचायत या गांव में पहचान रखने वाले और अच्छी छवि वाले लोगों को पंचायत अध्यक्ष और कमेटी का सदस्य बनाया जा रहा है. गांव की आबादी के हिसाब से कमेटी में सदस्यों की संख्या तय की जायेगी. पंचायत और गांव के स्तर पर संगठन निर्माण का काम अगले कुछ महीनों में पूरा हो जायेगा.
गोहिल ने यह भी कहा कि बिहार में हमारे 30 विधायक/विधान परिषद सदस्य हैं. हम इनको जिला प्रभारी बनायेंगे. ये लोग पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम लोगों की आवाज सुनेंगे और फिर पार्टी को अवगत करायेंगे. इससे संगठन मजबूत होने के साथ ही कार्यकर्ताओं की बात भी प्रदेश स्तर के नेतृत्व तक पहुंच सकेगी. गोहिल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह तय है कि हम महागठबंधन में चुनाव लड़ेगे, लेकिन हमारी कोशिश है कि पूरे राज्य में हमारा संगठन हो. जहां हमारे उम्मीदवार नहीं होंगे, वहां कांग्रेस के कार्यकर्ता सहयोगी दल के उम्मीदवार को जिताने के लिए काम करेंगे.