पटना : दरभंगा मारवाड़ी कॉलेज का चपरासी बना मोहरा, जिम्मेदार ”सेफ जोन” में

पटना : बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट 2017 और कंपार्टमेंटल परीक्षा 2018 की कॉपियों को रद्दी में बेचे जाने के मामले में एसआईटी की कार्रवाई अभी सही ट्रैक पर नहीं चल रही है. एसआईटी मारवाड़ी कॉलेज के चपरासी रामपुकार सिंह की तलाश कर रही है. एसआईटी का कहना है कि उसने ही आठ हजार रुपये लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2018 7:46 AM
पटना : बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट 2017 और कंपार्टमेंटल परीक्षा 2018 की कॉपियों को रद्दी में बेचे जाने के मामले में एसआईटी की कार्रवाई अभी सही ट्रैक पर नहीं चल रही है. एसआईटी मारवाड़ी कॉलेज के चपरासी रामपुकार सिंह की तलाश कर रही है. एसआईटी का कहना है कि उसने ही आठ हजार रुपये लेकर कॉलेज की कॉपियों को कांट्रेक्टर राजकिशोर गुप्ता को बेच दिया था. लेकिन, सवाल यह है कि कांट्रेक्टर राजकिशोर और चपरासी रामपुकार सिंह को 2017 की कॉपियों को खरीदने और बेचने से क्या लाभ होने वाला था. शक के दायरे में तो कॉलेज प्रशासन है, जिसे यह ध्यान रखना चाहिए था कि उसे किस वर्ष की कॉपियां बेचनी हैं और कौन सी रखनी हैं.
अब तक इस पूरे मामले में एसआईटी कांट्रेक्टर राजकिशोर को जेल भेज चुकी है और कॉलेज के चपरासी रामपुकार की तलाश कर रही है.
पर कॉलेज प्रशासन के किसी जिम्मेदार पर कार्रवाई नहीं की गयी है. इसी तरह से शेखपुरा जिले के किसी कॉलेज के कंपार्टमेंटल परीक्षा की कॉपी को भी बेचा गया है. वह भी वर्ष 2018 में हुई परीक्षा की कॉपियां बेची गयीं हैं. बिहार बोर्ड और एसआईटी दोनों को आरोपितों की पहचान करके सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
दरअसल बिहार बोर्ड 2017 क आंसर सीट, 2018 के बचे हुए कंपार्टमेंटल परीक्षा की कॅापियां, प्रैक्टिकल की कॉपियों को रद्दी में बेच दिया गया है. इसमें जरूरी रजिस्टर तक शामिल हैं. यह कॉपियां दरभंगा के मारवाड़ी कॉलेज और शेखपुरा जिले के कंपार्टमेंटल परीक्षा की हैं.
कुल 155 बंडल काॅपियों की बरामदगी की गयी है. इसमें करीब 1.5 लाख कॉपियां हैं जिन्हें रद्दी के भाव बेच दिया गया है. इस मामले में अब एसआईटी ने रद्दी खरीदने वाले कांट्रेक्टर राजकिशोर गुप्ता कर जेल भेज दिया है जबकि मारवाड़ी कॉलेज के चपरासी रामपुकार की तलाश कर रही है. इस मामले में बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के भंडार शाखा के सहायक पदाधिकारी दीपक कुमार के बयान पर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गयी है.
गोपालगंज में आ चुका है कबाड़ में कॉपी बेचने का मामला
पिछले महीने गोपालगंज के एसएस बालिका विद्यालय के मूल्यांकन केंद्र से बिहार बोर्ड के मैट्रिक की 42000 कॉपियों के गायब होने का मामला सामने आ चुका है. कॉपियां कैसे गायब हुई थीं इसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. इसका खुलासा कबाड़ी वाले ने किया था.
उसने अपना गुनाह स्वीकार करते हुए बताया है कि विद्यालय के चपरासी छट्ठू सिंह ने 8500 सौ रुपये में हमारे हाथों कॉपियां बेच दी थीं. उसने बताया कि मैं एक अॉटो रिक्शा में देर रात बैठकर स्कूल पहुंचा था जहां से छट्ठू सिंह ने मुझे कॉपियां दीं और मैं अॉटो रिक्शा से कॉपियां ले आया था. इस मामले में अॉटो चालक संतोष कुमार और कबाड़ी वाला पप्पू गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था.

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