बिहार में शराबबंदी को और सख्ती से लागू करने के लिए पहले के कानून में संशोधन : नीतीश

पटना : बिहार विधानसभा में बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद :संशोधन: विधेयक 2018 आज पारित होने के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोहराया कि शराबबंदी से कोई समझौता नहीं होगा और इसे सख्ती से लागू करने के लिए ही वर्ष 2016 में बने कानून में संशोधन किया गया है. विधानसभा में आज पेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2018 9:46 PM

पटना : बिहार विधानसभा में बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद :संशोधन: विधेयक 2018 आज पारित होने के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोहराया कि शराबबंदी से कोई समझौता नहीं होगा और इसे सख्ती से लागू करने के लिए ही वर्ष 2016 में बने कानून में संशोधन किया गया है. विधानसभा में आज पेश संशोधन विधेयक पर विपक्ष की अनुपस्थिति में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी थी. दो अक्तूबर 2016 को सूबे में बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 लागू किया गया.

नीतीश कुमार ने बताया कि शराबबंदी के बाद से इस साल 12 जुलाई तक प्रदेश में इसका उल्लंघन करने वाले 6932 लोगों को जेल भेजा गया है. इनमें से 62 फीसदी इसका सेवन करने वाले तथा 38 प्रतिशत इसके कारोबार में लिप्त रहने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून में संशोधन का मकसद दंड को समानुपातिक बनाना तथा इसके दुरुपयोग की संभावना को कमतर किया जाना है. उन्होंने कानून में कियेगये संशोधन की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें प्रावधान किया गया है कि पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा.

प्रदेश में सूखे की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्य विधेयक पेश होते ही सदन से बहिर्गमन कर गये. राजद सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए नीतीशकुमार ने कहा कि इसे और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए इसमें कियेगये संशोधन का समर्थन करना चाहिए था और उन्हें इसमें सुझाव देना चाहिए था.

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