मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों से दुष्कर्म मामला : राबड़ी का आरोप- दोषियों को बचा रही है सरकार
पटना : बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए दुष्कर्म मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दोषियों को बचा रही है. सरकार इस मामले में लीपापोती कर रही है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को […]
पटना : बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए दुष्कर्म मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दोषियों को बचा रही है. सरकार इस मामले में लीपापोती कर रही है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बारे में जवाब देना चाहिए. राबड़ी देवी ने कहा कि राज्यभर के बालिका गृहों में इस तरह की घटना हो रही है. सभी की जांच सीबीआई से हो.
राबड़ी देवी ने कहा, इस मामले में सरकार केवल चेहरा चमकाने में लगी है. यह खेल 2016-17 से राज्य के सभी जिलों में चल रहा है. कहने के लिए सुशासन बाबू की सरकार है. भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से जब गृह विभाग नहीं संभल रहा है तो वे दूसरे को प्रभार दें. सदन में जब विपक्ष जवाब मांगता है तो देना चाहिए.
वहीं, बिहार विधानसभा में मुजफ्फरपुर में सरकारी सहायता प्राप्त एक आश्रय गृह में लड़कियों के कथित यौन शोषण के मुद्दे की गूंज आज बिहार विधानसभा में भी सुनाई दी. हंगामे के चलते अपराह्न दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी. सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही समय बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली. सदन की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद राजद, कांग्रेस और भाकपा (माले) समेत विपक्षी दलों के विधायक अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गये. उनमें से कई सदस्य सरकार विरोधी नारे लगाते हुए विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने आ गये और मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले पर चर्चा की मांग करने लगे.
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से कहा, यह महत्वपूर्ण मुद्दा है. जिस पर अविलंब चर्चा की जरूरत है. प्रशासन जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है. जो भी कार्रवाई की गयी है, वह अदालत के निर्देश पर की गयी है. तेजस्वी यादव ने कहा, ऐसा लगता है कि सरकार दोषियों को बचा रही है. महिलाओं के रात में भी सुरक्षित तरीके से घूम-फिर सकने के सरकार के दावे के बावजूद उनके खिलाफ अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
उन्होंने कहा, कई जिलों में हुई हाल की घटनाएं दर्शाती हैं कि लड़कियां अपने माता-पिता के साथ रहने पर भी सुरक्षित नहीं हैं. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, आप बेहद गंभीर मामला उठा रहे हैं, लेकिन कृपया इसे प्रश्नकाल के बाद उठाएं. उन्होंने कहा, अगर आप सहमत हैं, तो मैं निर्देश दे सकता हूं कि मामले पर कल चर्चा करायी जाये. इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है. उन्होंने कहा, लेकिन ऐसा लगता है कि उनका (विपक्ष का) जवाब सुनने की बजाय हंगामा करने में अधिक दिलचस्पीहै.
नारेबाजी जारी रहने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, सरकार न तो किसी को बचाने की और न ही किसी को फंसाने की कोशिश कर रही है. यह मामला आपकी (विपक्ष) वजह से प्रकाश में नहीं आया, बल्कि सरकार के सोशल ऑडिट कराने से सामने आया है. उन्होंने कहा कि सरकार ब्रजेश ठाकुर समेत किसी भी आरोपी के खिलाफ मुजफ्फरपुर मामले में कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाई है. ठाकुर उस एनजीओ का नियंत्रक है, जो आश्रय गृह चलाती है. कहा जाता है कि सत्ता प्रतिष्ठान में कई लोगों का वह करीबी है.
सुशील मोदी ने कहा, यह वो सरकार नहीं है, जो राजवल्लभ यादव को बचाने का प्रयास करती है. उन्होंने यह बात राजद के एक विधायक का हवाला देते हुए कही, जो बलात्कार के मामले में जेल में हैं. उनका मामला दो साल पहले प्रकाश में आया था जब राज्य में महागठबंधन की सरकार थी. हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने अपराह्न दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की.
इससे पहले, तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से कल सुबह राज्य में सूखा जैसी स्थिति पर चर्चा कराने के लिये एक प्रस्ताव पेश किया था. इसपर सदन ने अपनी सहमति दे दी. यह प्रस्ताव कल की कार्य मंत्रणा समिति की रिपोर्ट पर आधारित है. बाद में सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में यादव ने कहा, हम मामले की सीबीआई जांच कराने की अपनी मांग पर कायम हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए हम चाहेंगे कि उच्च न्यायालय जांच की निगरानी करे.