पटना : महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह का दौरा करने के बाद एक चैनल से बातचीत में कहा है कि गृह में लड़कियों के लिए हर मंगलवार की रात कयामत की रात होती थी. हर मंगलवार को बालिका गृह में जांच के लिए अधिकारी आते थे. वह लड़कियों को अपने साथ ले जाते थे और बाद में उन्हें यहां छोड़ दिया जाता था. मालूम हो कि महिला आयोग की अध्यक्ष के नेतृत्व में आयोग की टीम ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. उनके साथ एसपी, डीएसपी आदि भी मौजूद थे.
उन्होंने बताया कि महिला आयोग की टीम ने दौरे में बालिका गृह का नीचे से ऊपर तक निरीक्षण किया. सभी कमरों को देखा, जहां लड़कियां रहती थीं. वहां निर्मित कमरे काफी डरावने थे. दूसरी मंजिल पर बगल में एक ग्रिल से होकर एक रास्ता था, जहां से होकर आप बाहर निकल जायेंगे, किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा. तीसरे मंजिल से भी एक अन्य सीढ़ी थी. लगता था कि यह घर इसी इरादे से बनवाया गया था कि कहीं से भी आसानी से बाहर निकला जा सकता है. किसी की नजर भी नहीं पड़ेगी. यह बहुत भयानक था.
उन्होंने बताया है कि घर के अंदर देखने से किसी को भी स्पष्ट हो जायेगा कि यहां गलत काम हो रहा होगा. घर के एक कमरे में एक बेड लगा था, जहां मेडिकल से संबंधित सामान आदि थे. कुछ कुर्सियां भी थीं. ऐसा लगता था कि स्वास्थ्य जांच के लिए व्यवस्था की गयी थी. यहां लड़कियों का गर्भपात कराने की सभी व्यवस्था थी. दिलमणि देवी ने बताया कि लड़कियों के मुताबिक, उन्हें रात में सोने की दवा दे दी जाती थी. दवा खाने के बाद वे गहरी बेहोशी की हालत में चली जाती थीं. सुबह उठने पर पेट में और बदन में बहुत दर्द होने की शिकायत करती थीं. बाद में उन्हें दर्द होने की शिकायत किये जाने पर दर्द की दवा दी जाती थी. आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि बालिका गृह में एक मिनी थियेटर भी संचालित होता था. लड़कियों को नशे के इंजेक्शन भी दिये जाते थे. बालिका गृह में तहखाने और गुप्त रास्ते भी मिले हैं.