पटना : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने आज कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के कमजोर होने की वजह से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई सहयोगी दल राजग छोड़ विपक्षी खेमे में शामिल होने को मजबूर हो सकते हैं. गोहिल ने कहा कि ऐसा बिहार में होने की अधिक संभावना है. जहां, राजग के घटक दलों के समर्थन का आधार ही एससी / एसटी और ओबीसी श्रेणियों से ताल्लुक रखने वाले लोग हैं. बिहार में भाजपा के सहयोगियों में जद (यू) लोजपा और आरएलएसपी शामिल है. ईमानदार लोक सेवकों को अपनी ड्यूटी निभाने के दौरान अनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अनिधियम के तहत झूठे मामलों से ब्लैकमेल होने से बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च को इस कानून के कड़े प्रावधानों को कमजोर कर दिया था, जो तत्काल गिरफ्तारी के संबंध में है. हालांकि, केंद्र ने शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है.
गोहिल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बिहार दौरे के बाद एससी/ एसटी के समुदाय के लोगों को विभिन्न अत्याचारों से संरक्षण देने के लिए यह कानून बनाने का फैसला किया था. अब कानून प्रभावहीन हो गया है. इसने इन जातियों से संबंध रखने वाले लोगों को काफी नाराज किया है जो अपनी स्थिति को कमजोर किये जाने के लिए काफी हद तक भाजपा को जिम्मेदार मानते हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि राजग के किसी घटक ने इस इच्छा से हमसे संपर्क किया है कि वह भाजपा नीत गठबंधन को छोड़ना चाहता है. लेकिन, आगामी दिनों में ऐसे होने के संकेत हैं. काफी कुछ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले होगा़ गोहिल ने इन अटकलों को भी खारिज किया कि महागठबंधन सीट बंटवारे के मुद्दे का सौहार्दपूर्ण हल निकालने को लेकर भी परेशानी का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि राजद और हम के साथ हमारा गठजोड़ वैचारिक है. आगामी चुनावों में यह गठबंधन कामयाबी हासिल करेगा और सीट बंटवारे जैसे मुद्दों को समय पर मैत्रीपूर्ण तरीके से हल कर लिया जायेगा.
कांग्रेस नेता ने कहा कि फिलहाल पार्टी राज्य के सभी लोकसभा क्षेत्रों में सर्वेक्षण करा रही है और समाज के सभी तबकों से राय ले रही है. गोहिल ने कहा कि इससे उन सीटों की पहचान करने में मदद मिलेगी. जहां, कांग्रेस अपने सहयोगियों के समर्थन से बेहतर कर सकती है और जहां राजद या हम के पास कांग्रेस के समर्थन से बेहतर प्रदर्शन करने का मौका है. हाल में कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करने और महागठबंधन में उनकी वापसी की पैरवी करने वाली टिप्पणी पर गोहिल ने कहा कि भाजपा के विपरीत कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है जहां प्रत्येक सदस्य को अपनी निजी राय व्यक्त करने की इजाजत है.