बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामला : गिरफ्तार आरोपित की पत्नी ने कहा- मंत्री मंजू वर्मा के पति आते-जाते रहते थे बालिका गृह
मुजफ्फरपुर/पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक बालिका गृह में 29 लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपित रवि कुमार रौशन की पत्नी ने राज्य की एक मंत्री के पति पर उक्त बालिका गृह आने-जाने का आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. बालिका गृह […]
मुजफ्फरपुर/पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक बालिका गृह में 29 लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपित रवि कुमार रौशन की पत्नी ने राज्य की एक मंत्री के पति पर उक्त बालिका गृह आने-जाने का आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. बालिका गृह के सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी ने मुजफ्फरपुर में पत्रकारों से कहा कि उनके पति को एक साजिश के तहत इस मामले में फंसाया गया है.
बालिका गृह में लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार आरोपित रवि कुमार रौशन की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति ने उक्त बालिका गृह को, जहां वह संचालित था, वहां से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने और सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने को लेकर समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखा था. महिला ने पूछा कि उनके पति द्वारा लिखे गये पत्र पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. महिला ने यह भी पूछा कि समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा उक्त बालिका गृह में अपने साथ जानेवाले अधिकारियों को बाहर छोड़ कर उसके भीतर क्या करने जाते थे. वहां की लड़कियां उन्हें ‘नेताजी’ के तौर जानती थीं.
उन्होंने आरोप लगाया कि चंदेश्वर को बचाने के लिए इस मामले में उनके पति को फंसाया गया है. महिला ने कहा कि उनके पति एक गरीब किसान के बेटे हैं और पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि उनका पति निर्दोष है, इसलिए वह इसकी सीबीआई से जांच चाहती हैं. वहीं, मंत्री के पति ने मीडिया के एक वर्ग द्वारा इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि उनकी पत्नी के पहली बार मंत्री बनने के बाद, 2016 में वह उनके साथ घूमने की नीयत से उनके और समाज कल्याण विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वहां का निरीक्षण करने के क्रम में बालिक गृह गये थे और उसके बाद आज तक कभी भी वह अकेले मुजफ्फरपुर नहीं गये.
बालिका गृह की 44 लड़कियों में 42 की मेडिकल जांच कराये जाने पर उनमें से 29 के साथ यौन शोषण होने की पुष्टि हो गयी, जबकि दो अन्य लड़कियों के बीमार होने के कारण उनकी जांच नहीं हो पायी. मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जबकि एक अन्य फरार दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जा रही है. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष द्वारा मामले को उठाये जाने के साथ सदन की कार्यवाही बाधित किये जाने के साथ विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गये थे.