पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को विधानमंडल के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा व विधान परिषद में घोषणा की कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की राशि को सालाना दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दिया गया है. विधायक व विधान पार्षद अब हर साल तीन करोड़ राशि की योजना की अनुशंसा कर सकेंगे. चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 से ही यह लागू हो गया है. सदस्यों ने मेज थपथपा कर घोषणा का स्वागत किया.
मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के संतुलित विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2011-12 से मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के नाम से एक बहुआयामी योजना प्रारंभ की गयी. साल 2011-12 से 2012-13 एक करोड़ की राशि विधायकों व विधान पार्षदों को मिलती थी. इस योजना की उपयोगिता एवं स्थानीय आवश्यकता तथा जनप्रतिनिधियों की मांग पर वित्तीय वर्ष 2013-14 से इसे एक करोड़ बढ़ाकर दो करोड़ प्रति सदस्य कर दिया गया. इसके तहत विधानमंडल के सदस्यों की अनुशंसा पर योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु 636 करोड़ रुपया उपलब्ध कराया जाता था.
अब 954 करोड़ खर्च किया जायेगा
मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की स्थानीय आवश्यकता एवं जनप्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 से मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के कार्यान्वयन के लिए राशि बढ़ायी गयी है. पहले इस योजना पर सालाना सरकार को 636 करोड़ खर्च करना पड़ता था. अब 954 करोड़ खर्च किया जायेगा. मालूम हो कि सोमवार को एनडीए विधायक दल की बैठक में भी विधायकों ने राशि बढ़ाने की मांग की थी. राज्य में विधायकों की संख्या 243 और विधान पार्षदों की संख्या 75 है.