पटना : वन महोत्सव (01 से 10 अगस्त) के दौरान पर्यावरण व वन विभाग की ओर से किए जाने वाले 1 करोड़ पौधारोपण के अतिरिक्त ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के तहत सामाजिक वानिकी कार्यक्रम के अंतर्गत 50 लाख पौधा लगायेगा. शनिवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में पर्यावरण व वन विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया.
मनरेगा के अंतर्गत सामाजिक वानिकी के तहत सरकारी व निजी जमीन पर 200 पौधे की दर से 25 हजार इकाई में पौधारोपण करने का लक्ष्य है. सभी पौधे बांस के गैबिनयन के अंदर लगाया जायेगा तथा सरकारी व सामुदायिक जमीन पर लगाये जाने वाले पौधों की सुरक्षा के लिए प्रति इकाई (200 पौधों पर) दो वनपोषक होंगे, जिन्हें प्रति माह मनरेगा के अंतर्गत 8 मानव दिवस की मजदूरी यानी प्रति मजदूर 1400 रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जायेगा.
निजी जमीन पर भी मनरेगा के अंतर्गत प्रति इकाई 200 पौधे का रोपण किया जायेगा. अगर एक किसान के पास 200 पौधे लगाने लायक जमीन नहीं होगी तो दो या तीन किसानों का एक कलस्टर बना कर पौधे लगाये जायेंगे और उसकी देखभाल की जिम्मेवारी किसानों की होगी. निजी भूमि पर केवल फलदार पौधे भी लगाये जा सकते हैं. निजी, सरकारी व सामुदायिक भूमि पर लगाये जाने वाले पौधों को पानी देने के लिए दो इकाई पर एक चापाकल या ट्रॉली सह पानी की टंकी की व्यवस्था की जायेगी.
वन महोत्सव के दौरान ग्रामीण विकास विभाग पूरे प्रदेश में सघन पौधारोपण के लिए पर्यावरण व वन विभाग से समन्वय स्थापित कर अभियान चलायेगा. सरकारी, सामुदायिक व निजी भूमि पर पौधारोपण के लिए प्रखंडवार व पंचायतवार कार्यक्रम आयोजित कर आम लोगों को प्रेरित किया जायेगा. बैठक में पर्यावरण व वन विभाग के प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक आदि शामिल थे.