16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

CAG ने बिहार में सरकारी कंपनियों के काम-काज के तौर-तरीके की आलोचना की

पटना : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बिहार के सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज के तौर-तरीके की आलोचना की है. कैग के मुताबिक वर्षों बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार के कई उपक्रम अपने खातों को अंतिम रूप नहीं दे पाये हैं. बिहार सरकार की 74 सार्वजनिक कंपनियों में से […]

पटना : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बिहार के सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज के तौर-तरीके की आलोचना की है. कैग के मुताबिक वर्षों बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार के कई उपक्रम अपने खातों को अंतिम रूप नहीं दे पाये हैं. बिहार सरकार की 74 सार्वजनिक कंपनियों में से महज 18 ने पिछले तीन वर्षों में अपने खाते को अंतिम रूप दिया है. जबकि इनमें से 56 कंपनियों के खाते में 1977-78 से बकाया बना हुआ है.

कैग की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. कैग द्वारा 31 मार्च 2017 को समाप्त वित्त वर्ष की राज्य विधानमंडल में पेश रिपोर्ट के अनुसार खातों को अंतिम रूप दिये जाने में देरी के साथ तथ्यों की गलत प्रस्तुति, धोखाधड़ी और गबन के जोखिम भी इनसे जुड़े हैं. कैग की रिपोर्ट के अनुसार काम-काज कर रही 18 सार्वजनिक कंपनियों में से दस को 278.18 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, जबकि सात को 1437.93 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा. शेष एक होल्डिंग कंपनी जो न घाटा न मुनाफा आधार पर काम कर रही है.

कैग ने कहा कि इन 18 सार्वजनिक कंपनियों में निवेश से राज्य के खजाने को पिछले तीन साल में 1159.75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. शेष 56 सार्वजनिक कंपनियों के खातों का हिसाब किताब अंतिम नहीं होने के कारण उनके नुकसान का आकलन नहीं किया जा सका.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें