24 घंटे में इस जुलाई 10 साल में अब तक सबसे ज्यादा बारिश
पटना : पटना जिले में अगले दो-तीन दिनों तक मॉनसून सक्रिय रहेगा. हालांकि अब तेज बारिश नहीं होने का पूर्वानुमान है. पटना और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. बारिश के कारण तापमान में गिरावट जारी है. इससे लोग राहत का अनुभव कर रहे हैं. इन सबके बीच पटना में बीते दो तीन दिनों में काफी संतोषजनक बारिश हुई है.
रविवार की शाम साढ़े पांच बजे से बीते पिछले 33 घंटे में 143.1 एमएम बारिश हुई है. इसमें शनिवार की सुबह आठ बजे से लेकर रविवार की सुबह आठ बजे तक 132.1 एमएम बारिश हुई है. जुलाई माह में पिछले दस सालों में हुई बारिश में इतनी बारिश पहली दफा हुई है. रविवार को सुबह आठ बजे से लेकर शाम साढ़े पांच बजे तक 11 एमएम बारिश रिकॉर्ड किया गया. हालांकि पूरे दिन शहर के ऊपर बादल छाये रहे. रविवार का अधिकतम तापमान 28.6 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में बन रहा सिस्टम : मौसम केंद्र की मानें तो दो दिनों की हल्की बारिश के बाद मौसम खुल जायेगा. इसके अलावा मौसम विभाग की रिपोर्ट है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक और मॉनसून का सिस्टम बन रहा है. वह सक्रिय होकर बिहार की तरफ बढ़ता है तो फिर पटना व आसपास के जिलों में तेज बारिश की संभावना बनेगी. दो दिनों की बारिश में पटना जिले के बारिश के आंकड़ा में काफी सुधार आया है. शनिवार को जहां बारिश के बाद भी सीजन में सामान्य से 60 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गयी थी.
अस्पताल से मंडी तक पानी-ही-पानी
पटना सिटी. नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के औषधि विभाग (मेडिसिन) में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. महज तीन दिनों की बारिश के बाद विभाग के वार्ड व आईसीयू में पानी प्रवेश कर गया है. ठेहुना भर जमा पानी में मरीज बेड पर पड़े उपचार करा रहे हैं. इतना ही नहीं अस्पताल में अधीक्षक कक्ष व उपाधीक्षक कक्ष के साथ लेखा विभाग, स्थापना विभाग, दवा काउंटर, इमरजेंसी गेट, केंद्रीय पंजीयन काउंटर व शिशु रोग विभाग के बाहर समेत अस्पताल के अधिकतर जगहों पर पानी भर गया है. वहीं फलों की थोक मंडी बाजार समिति मुसल्लहपुर में भी बारिश के बाद पानी जमा हो गया है. ठेहुना भर पानी जमा होने की स्थिति में केला मंडी के दुकानों में पानी प्रवेश कर गया है. ऐसी स्थिति मारुफगंज मंडी, गुलजारबाग हाट, मुसल्लहपुर हाट आदि जगहों पर दिखी.
सड़कों पर जमा है दो से तीन फुट पानी
बांकीपुर अंचल क्षेत्र के पूर्वी-पश्चिमी लोहानीपुर, राजेंद्र नगर रोड नंबर एक व दो, 12, 13, लंगर टोली, बिहारी साव लेन, ठाकुरबाड़ी रोड, जनक किशोर लेन, साहित्य सम्मेलन के पीछे, बुद्ध मूर्ति आदि इलाकों में जलजमाव की समस्या बन गयी है. इन इलाकों के सड़कों पर दो से तीन फुट बारिश का पानी जमा है. इसमें सबसे ज्यादा परेशानी राजेंद्र नगर रोड नंबर एक व दो के साथ-साथ लोहानीपुर में रहने वाले लोग झेल रहे हैं. नूतन राजधानी, बांकीपुर और कंकड़बाग अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी व सिटी मैनेजर क्षेत्र में भ्रमण करते रहे व इलाकों में वैकल्पिक व्यवस्था भी की गयी.
रहें सावधान : अब बीमारियां दे सकतीं हैं दस्तक
पटना. पिछले तीन दिन से झमाझम हो रही बारिश ने मौसम को सुहाना तो बना दिया, लेकिन यह मौसम अपने संग बीमारियां भी लेकर आता है. बरसात के मौसम में मलेरिया, टाइफाइड, स्टॉमक इन्फेक्शन, फंगल इन्फेक्शन आदि शिकायतें आम हो जाती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में बीमारी से बचने के लिए बचाव से बेहतर कुछ नहीं होता है. झमाझम बारिश को देखते हुए डॉक्टरों ने अलर्ट जारी किया है.
डेंगू व डायरिया का खतरा
गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि बरसात में डेंगू व डायरिया की आशंका काफी बढ़ जाती है. खासकर डेंगू का इलाज सही समय पर नहीं होने पर परेशानी बढ़ जाती है. वहीं दूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से डायरिया जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. इसकी चपेट में आने से लूज मोशन, लूज मोशन के साथ उल्टी होना, पेट में दर्द की शिकायत होती है. इससे बचने के लिए ओआरएस का घोल का सेवन करें. वहीं बुखार या दस्त आदि की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
ये बीमारिया हैं आम
मलेरिया, टायफाइड, पीलिया, फंगल इन्फेक्शन, बुखार, सर्दी-खांसी और पेट संबंधित इन्फेक्शन
ऐसे करें बचाव
घर से साफ पानी लेकर चलें
पानी को आधा घंटा उबालने के बाद ठंडा कर पीना पीना चाहिए
शरीर को सूखा रखें
पानी में भीगने से बचें
हमेशा छाता लेकर चलें
भीगने पर तुरंत कपड़े बदलें
मच्छरों से बचें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
बाहर का खाना न खाएं
ढीले सूती कपड़े पहनें और खान-पान का विशेष ध्यान रखें
बड़े कारण
नालों पर अवैध कब्जा
जल स्रोतों खासकर शहर में पानी निकासी के प्राकृतिक नालों पर अवैध कब्जा जमाकर असरदार लोगों ने अट्टालिकाएं तान रखी हैं. उनकी देखा-देखी दूसरे लोगों ने भी अपने मकान बना रखे हैं. इसके कारण शहर से बरसाती पानी की समुचित निकासी नहीं हो पा रही है. छोटी मोटी बारिश में भी शहर जल जमाव झेलने को मजबूर है. शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर अवैध कब्जों को शह देने में नगर निगम के अफसर भी शामिल रहे.
बिना प्लानिंग कॉलोनियां
नालों पर कब्जा जमाने के अलावा दूसरी जगहों पर बिना प्लानिंग के कॉलोनियां बसा दी गयीं. इन कॉलोनियों में ड्रेनेज व सीवरेज निकासी के प्रबंध भी नहीं किये गये. नयी कॉलोनियों में नालों का अभाव है. पानी निकासी का प्रबंध न होने की वजह से अब वहां जल जमाव होने लगा है. ऐसी सुविधा शून्य कॉलोनियों में न्यू बाईपास के दक्षिण की कॉलोनियां शामिल हैं. हाल ही में हुई बारिश में इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं.
नहीं हो रही निकासी
मीठापुर बस स्टैंड मोड़ से लेकर नंद लाल छपरा तक डेढ़ सौ से अधिक पुल पुलिया बनी हुई हैं. इन पुल-पुलिया के पास नाला किनारे आम लोगों के साथ साथ स्कूल व प्राइवेट हॉस्पिटल चलाने वाले लोगों ने पक्के निर्माण कर लिये हैं. जिन नालों पर अवैध रूप से कब्जे जमाये गये हैं, उनमें सर्पेंटाइन नाला, बेऊर नाला, आनंदपुरी नाला, गया लाइन रोड किनारे बने नाला, बाकरगंज आदि के नाले शामिल हैं.
दो पुलवा नाला जाम
नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र के मीठापुर बी-एरिया, पुर्णेंदुपुर, न्यू पुर्णेंदुपुर, जनता रोड, मछली गली, चांदपुर बेला, जय प्रकाश नगर, दशरथा और आस-पास के इलाकों का पानी दो पुलवा व तीन पुलवा नाला होते हुए न्यू बाईपास नाला में गिरता है, लेकिन दोनों नाला जाम होने से इन इलाकों के मुख्य सड़कों से लेकर गलियों की सड़कों पर जलजमाव है. वहीं, इन इलाकों के सैकड़ों घरों के ग्राउंड फ्लोर में पानी घुस गया है. हालांकि मीठापुर बस स्टैंड मोड़ के समीप रविवार को नाला काट कर अवरोध हटाया जिससे पानी की निकासी शुरू हो गयी है.
संप हाउस अधूरा
कंकड़बाग अंचल क्षेत्र के चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरा नगर, संजय गांधी नगर, राम लखन पथ, अशोक नगर, आरएमएस कॉलोनी चांगर और करबिगहिया इलाके से बारिश का पानी आसानी से निकल जाये, इसको लेकर अशोक नगर जीरो प्वाइंट पर संप हाउस का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन, बिहार राज्य जल पर्षद की अनदेखी से पूरा नहीं हो सका है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दो मोटरों को तो लगाया गया है, लेकिन यह पर्याप्त पानी नहीं खींच रहे हैं.