नयी दिल्ली : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक बालिका गृह में कथित यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग करते हुए आज प्रदर्शन किया. सामाजिक संगठनों ने चाणक्य पुरी स्थित बिहार भवन के सामने प्रदर्शन करते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. राज्य सरकार की आलोचना करते हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाये.
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति का आरोप लगाते हुए नेशनल फेडरेशन फॉर इंडियन वीमेन जनरल सेक्रेटरी एनी राजा ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आंदोलन पर करोड़ों रुपये खर्च कियेगये, लेकिन नीतीश कुमार अपने ही ‘राज्य’ में विफल रहे. उन्होंने कहा, बिहार के मुख्यमंत्री अपने ही राज्य में लड़कियों की रक्षा कर पाने में विफल रहे. उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहींहै.
राज्य सभा के पूर्व सांसद अली अनवर ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने कहा, प्रत्येक पीड़ित के बयान के आधार पर अलग-अलग प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गयी, क्योंकि यह घटनाएं अलग-अलग तारीखों में घटी है. यह इस मामले को दबाने का प्रयास है. सीबीआई को इसे ठीक करना चाहिए और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस मामले की निगरानी करनी चाहिए.
राज्य सभा सांसद मनोज झा ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा, “जो इस मामले में शामिल हैं, उन्हें तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए. सिर्फ निष्पक्ष जांच ही पीड़ितों को न्याय दिला सकती है और आरोपियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए.” मुंबई के टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान द्वारा कियेगये ऑडिट में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामना आया था.