सुरक्षा नदारद, इंटीरियर लुक दिखा मनचाहा किराया वसूल रहे संचालक

पटना : पटना शहर में किराये के मकानों एवं फ्लैटों में हॉस्टल चलाने का धंधा चरम पर है. गर्ल्स हॉस्टल संचालित करने वाले एक ही नाम से अपने हॉस्टल की छह से आठ ब्रांच तक खोले हुए हैं. हॉस्टलों की ब्रांचों को अलग-अलग लुक दिया गया है. दरअसल अलग-अलग इंटीरियर लुक देकर मनचाहा किराया वसूला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2018 6:31 AM
पटना : पटना शहर में किराये के मकानों एवं फ्लैटों में हॉस्टल चलाने का धंधा चरम पर है. गर्ल्स हॉस्टल संचालित करने वाले एक ही नाम से अपने हॉस्टल की छह से आठ ब्रांच तक खोले हुए हैं. हॉस्टलों की ब्रांचों को अलग-अलग लुक दिया गया है. दरअसल अलग-अलग इंटीरियर लुक देकर मनचाहा किराया वसूला जा रहा है. हॉस्टलों में सुरक्षा और पढ़ाई का वातावरण उपलब्ध कराने में हॉस्टल संचालकों की कोई दिलचस्पी नहीं है. इस तरह के तमाम हॉस्टल बोरिंग रोड के नागेश्वर कॉलोनी, बोरिंग कैनाल रोड से जुड़ी गलियों में चल रहे हैं.
निरीक्षण में हॉस्टल का हाल बेहाल दिखा : जानकारी के मुताबिक इनमें कई गर्ल्स हॉस्टलों में न तो रहने-खाने और न ही सुरक्षा की कोई बेहतर व्यवस्था है. यहां तक कि कई गर्ल्स हॉस्टलों का रजिस्ट्रेशन है या नहीं, इसकी भी जानकारी देने वाला कोई नहीं है. नागेश्वर कॉलोनी में एक हॉस्टल है. वहां पर उसके छह ब्रांच हैं. सभी हॉस्टलों की अलग-अलग खासियत बतायी जाती है. सबसे मीडियम रेंज के हॉस्टल का निरीक्षण प्रभात खबर की टीम ने किया. निरीक्षण में हॉस्टल का हाल बेहाल दिखा.
हॉस्टल के अंदर साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी. खुले में खाना पक रहा था. सभी कमरे ट्रेन के बर्थ टाइप थे. किसी तरह वहां छात्राएं रह रही हैं. खाने-पीने में शुद्धता और गुणवत्ता की कमी थी. छात्राओं ने कहा कि कॉलेज पास होने के कारण इस हॉस्टल को लेना उन्होंने पसंद किया.
ट्रेननुमा बना है प्लाईवुड का कमरा
गर्ल्स हॉस्टल के संचालक हर महीने मोटी रकम वसूलते हैं, लेकिन सुरक्षा का कोई ख्याल नहीं रखते हैं. अधिकांश हॉस्टलों में न कोई सिक्यूरिटी गॉर्ड हैं और न ही वहां सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. बोरिंग रोड के एक हॉस्टल में ट्रेन के डिब्बेनुमा प्लाईवुड के कमरे बने हुए हैं. इनमें चार, तीन, दो और कहीं कहीं सिंगल बेड भी है. लेकिन किसी तरह यहां लड़कियां रहने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें पढ़ाई करनी है. जानकारी के मुताबिक इस इलाके में मुख्यत: पटना वीमेंस कॉलेज और जेडी वीमेंस कॉलेज की छात्राएं रहती हैं. इसके साथ ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाली छात्राएं भी रहती हैं. लेकिन हॉस्टलों में अच्छी सुविधा नहीं मिलने से वे काफी नाराज हैं.
शाम होते ही असामाजिक तत्वों का हॉस्टल के आसपास जमावड़ा
नागेश्वर कॉलोनी की तरफ कई बड़े दो-तीन कद्दावर नेताओं का आवास है. इस इलाके में कई हॉस्टल हैं. शाम को इस इलाके में भीड़ बढ़ जाती है. छात्राएं कहती हैं कि अक्सर शाम को असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हॉस्टल और सड़क पर रहता है. ये लड़कियों पर फब्तियां कसने और कुछ बोलने पर जबरन हाथ लगाने जैसी घटनाओं को अंजाम देने में भी नहीं चूकते हैं. लड़कियां डर से किसी को कुछ नहीं बोलती हैं. लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं. शाम छह बजे के बाद जरूरी काम होने पर भी वे हॉस्टल से नहीं निकल पाती हैं. रास्ते में किसी प्रकार की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. हॉस्टल में भी गार्ड की
सुविधा नहीं है.

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