संसद परिसर के बाहर इस मामले पर कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य से भिड़े मंत्री अश्विनी चौबे

नयी दिल्ली : असम में सोमवार को जारी NRC पर आज जबर्दस्त सियासी घमसान मचा. संसद के अंदर विपक्षी दल और सत्तारूढ़ दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तो लगा ही रहे थें. इसके साथ ही संसद परिसर में भी इस मुद्दे पर जम कर बहस देखने को मिला. दरअसल, सदन के अंदर एक दूसरे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2018 5:26 PM

नयी दिल्ली : असम में सोमवार को जारी NRC पर आज जबर्दस्त सियासी घमसान मचा. संसद के अंदर विपक्षी दल और सत्तारूढ़ दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तो लगा ही रहे थें. इसके साथ ही संसद परिसर में भी इस मुद्दे पर जम कर बहस देखने को मिला. दरअसल, सदन के अंदर एक दूसरे पर हमला करने वाले विपक्षी और सत्तारूढ़ दल के नेता परिसर में भी आपस में भिड़ गये.

संसद परिसर में कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भिड़ गये. मीडिया के सामने दोनों नेताओं के बीच काफी गर्मा-गर्मी हुई. अश्विन चौबे ने कहा भारत में वही रहेगा, जो भारतीय बनकर रहेगा. दूसरी तरफ, भट्टाचार्य ने बीजेपी नेताओं को असम की जानकारी न होने की बात कही. चौबे ने कहा कि जो बांग्लादेश का है उसे देश से निकाला जायेगा. इस पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि आप देश को मिस लीड कर रहे हो. कांग्रेस ने नेता ने कहा कि असम के बारे में बीजेपी नेताओं को जानकारी नहीं है. ये फालतू बात कर रहे हैं. कौन बांग्लादेश से आया है.

गौरतलब है कि NRC के मुद्दे पर मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार बहस देखने को मिली. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राज्यसभा में चर्चा के दौरान कोई यह नहीं बता रहा है कि NRC का मूल कहां है, यह आया कहां से है. उन्होंने कहा कि अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर असम के सैकड़ों युवा शहीद हुए. 14 अगस्त 1985 को पूर्व पीएम राजीव गांधी ने असम अकॉर्ड लागू किया था. यही समझौता NRC की आत्मा थी. इस समझौते में यह प्रावधान था कि अवैध घुसपैठियों को पहचान कर उनको सिटीजन रजिस्टर से अलग कर एक नेशनल रजिस्टर बनाया जायेगा.

शाह ने कहा कि कांग्रेस के पास असम समझौते को लागू करने की हिम्मत नहीं थी और बीजेपी सरकार ने हिम्मत दिखा कर यह काम किया है. शाह ने NRC के विरोध को देश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को बचाने की कोशिश करार दिया. शाह के बयान पर विपक्षी सांसदों ने जबर्दस्त हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

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