फर्जीवाड़े पर रोक से 90 हजार करोड़ की बचत : सुशील मोदी

पटना : ‘संवाद’ में आयोजित नये राशन कार्ड व पीडीएस अनुज्ञप्ति वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक जमाने में जनवितरण प्रणाली की दुकानें कालाबाजारी का पर्याय बन गयी थीं. मगर पिछले चार वर्षों में डुप्लीकेट, फर्जी व मृत व्यक्तियों के राशन कार्ड, एलपीजी गैस कनेक्शन और मनरेगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2018 8:32 PM

पटना : ‘संवाद’ में आयोजित नये राशन कार्ड व पीडीएस अनुज्ञप्ति वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक जमाने में जनवितरण प्रणाली की दुकानें कालाबाजारी का पर्याय बन गयी थीं. मगर पिछले चार वर्षों में डुप्लीकेट, फर्जी व मृत व्यक्तियों के राशन कार्ड, एलपीजी गैस कनेक्शन और मनरेगा के मजदूरों का डीबीटी के जरिये भुगतान से न केवल फर्जीवाड़े पर रोक लगी है, बल्कि भारत सरकार को 90 हजार करोड़ से ज्यादा की बचत भी हुई है. पीडीएस से वितरित सस्ते चावल, गेहूं के लिए खाद्यान्न अनुदान मद में केंद्र सरकार ने 2018-19 में पूरे देश को 1 लाख 69 हजार करोड़ के अनुदान का प्रावधान किया है. बिहार को खाद्यान्न मद में 2016-17 में 14,500 करोड़ का अनुदान मिला है.

उन्होंने कहा कि गरीबों को दिये जाने वाले 2 रुपये किग्रा. गेहूं और 3 रुपये किग्रा. चावल के लिए केंद्र सरकार प्रति किलो क्रमशः 21.45 रुपये और 29.67 रुपये अनुदान देती है. पूरे देश में 2.75 करोड़ फर्जी, डुप्लीकेट राशन रद्द करने के साथ ही बिहार में पायेगये 2.59 लाख डुप्लीकेट, फर्जी व मृत व्यक्तियों के राशन कार्ड में से करीब 1.5 लाख को रद्द किया गया है. इससे भारत सरकार को 29,708 करोड़ की बचत हुई है.

इसी प्रकार पूरे देश में एलपीजी के 3.80 करोड़ फर्जी व डुप्लीकेट कनेक्शन थे तथा 2.22 करोड़ लोगों ने स्वेच्छा से अनुदानित गैस कनेक्शन का परित्याग किया. इससे देश में 42,275 करोड़ की बचत हुई है. मनरेगा के मजदूरों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफीट ट्रांसफर) के जरिए सीधे उनके खातों में मजदूरी के भुगतान से 16,073 करोड़ की बचत हुई है. बिहार में इलेक्ट्रॉनिक मशीन से खाद्यान्नों को तौले जाने, जीपीएस लगे वाहन से डोर स्टेप डिलेवरी, आधार से राशन कार्ड को जोड़े जाने व पीओएस मशीन के प्रयोग से और अधिक पारदर्शिता आयेगी.

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