10 दिवसीय वन महोत्सव में लगाये जायेंगे डेढ़ करोड़ पौधे : उपमुख्यमंत्री
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को अपने सरकारी आवास 1, पोलो रोड, पटना तथा सुपौल व अररिया के कोशियारी गांव में पौधारोपण कर 10 दिवसीय वन महोत्सव (01-10 अगस्त) का शुभारंभ करते हुए कहा कि जनसहभागिता से अभियान चला कर पूरे प्रदेश में डेढ़ करोड़ पौधारोपण किया जायेगा. वन विभाग 1 करोड़ […]
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को अपने सरकारी आवास 1, पोलो रोड, पटना तथा सुपौल व अररिया के कोशियारी गांव में पौधारोपण कर 10 दिवसीय वन महोत्सव (01-10 अगस्त) का शुभारंभ करते हुए कहा कि जनसहभागिता से अभियान चला कर पूरे प्रदेश में डेढ़ करोड़ पौधारोपण किया जायेगा. वन विभाग 1 करोड़ तथा ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के सामाजिक वानिकी कार्यक्रम के तहत 50 लाख पौधारोपण करेगा. इस दौरान उन्होंने पर्यावरण व वन विभाग की ओर से तैयार ‘हरियाली’ नामक मोबाइल एप्प को लांच किया. जिसके जरिए पौधारोपण करने वाला कोई व्यक्ति अपनी तस्वीर पता के साथ जीयो टैगिंग कर पोस्ट कर सकता है.
वन महोत्सव के पहले दिन कैमूर जिले में दो घंटे के दौरान दो लाख पांच हजार पौधे लगा कर एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है. वहां, के डीएम और डीएफओ की पहल पर एक दिन पहले ही गड्ढे की खुदाई कर पौधारोपण की सारी तैयारी कर ली गई थी. इस अभियान में वहां 20 हजार से अधिक शिक्षक, कर्मचारी और छात्रों की सहभागिता रही. कैमूर की ही दादर पंचायत में गुरुवार को पंचायत के सभी सदस्यों के नाम से 6 हजार पौधे लगाये जायेंगे.
सभी विधायकों व जनप्रतिनिधियों से इस अभियान से जुड़ने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि पटना नगर निगम के सभी वार्ड पार्षदों को उन्होंने पत्र लिखा है. व्यक्तिगत तौर पर पौधा लगाने वालों को वन विभाग मात्र 5 रुपये में तथा संस्थानों को मुफ्त में पौधे उपलब्ध कराया जायेगा. पौधा रोपण में सहयोग के लिए वन विभाग की 10 टीम वाहन व मजदूरों के साथ तैनात की गई है.
10 दिनों में पटना जिले में 2.11 लाख तथा पटना षहर में 1 लाख पौधे लगाए जायेंगे. उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे इस अभियान से जुड़े और अपनी खाली जमीन में पौधारोपण करें. अगले 5 साल में 15 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य है ताकि बिहार के हरित आवरण को 2022 तक बढ़ा कर 17 प्रतिशत किया जा सके. द्वितीय कृषि रोड मैप के दौरान पूरे प्रदेश में 19 करोड़ पौधे लगाये गए जिसके परिणामस्वरूप हरित आवरण बढ़ कर 15 प्रतिशत हो गया है.
मोदी ने कहा कि वृक्ष के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. पेड़ जहां हमें जीवन के लिए ऑक्सीजन देते हैं वहीं कॉबर्न डायऑक्साइड और अन्य विषैली गैसों को सोख लेते हैं. भू-क्षरण, बाढ़ और वायु प्रदूषण को कम करने में पेड़ों की बड़ी भूमिका है. पेड़ एक तरह की दीवार का काम करते हैं तथा हमें अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाते हैं.