नयी दिल्ली : सीबीआई बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों से वहीं के कर्मियों द्वारा बलात्कार किये जाने के मामले में गहन फॉरेंसिक जांच करायेगी. अधिकारियों ने आज यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही मुजफ्फरपुर जाकर आश्रय गृह से फॉरेंसिक नमूने इकट्ठा करेगी. अधिकारियों ने बताया कि पीड़िताओं के बयानों का इस्तेमाल कर समझने की कोशिश की जायेगी कि अपराध को कैसे अंजाम दिया गया और फिर इस ब्योरे का इस्तेमाल आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया जायेगा.
सीबीआई पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के लिए मनोवैज्ञानिकों की मदद ले सकती है. कुछ पीड़िताओं की उम्र महज छह-सात साल हैं. बिहार सरकार द्वारा वित्तपोषित एनजीओ के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर ने आश्रय गृह की करीब 30 लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया. सीबीआई उन डॉक्टरों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के भी बयान दर्ज करेगी और उनसे साक्ष्य इकट्ठा करेगी जिनकी सेवाएं पुलिस ने अपनी जांच के दौरान ली थी.
मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गयी थी जिसमें पहली बार इस आश्रय गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आयी थी. इस मामले में बीते 31 मई को ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. अब सीबीआई ने इस मामले की जांच संभाल ली है.