मुजफ्फरपुर बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों से रेप का मामला : SC ने लिया स्वत: संज्ञान, केंद्र-राज्य सरकार को भेजा नोटिस
नयी दिल्ली / पटना : मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म किये जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लिया. शीर्ष अदालत ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म मामले को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही नाबालिग लड़कियों की तस्वीर दिखाये जाने […]
नयी दिल्ली / पटना : मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म किये जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लिया. शीर्ष अदालत ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म मामले को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही नाबालिग लड़कियों की तस्वीर दिखाये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि नाबालिग बच्चियों की तस्वीर नहीं दिखानी चाहिए.
Supreme Court took suo moto cognizance of #Muzaffarpur shelter home case. Court issued notice to Bihar Govt and Centre and sought a detailed reply from them pic.twitter.com/xb09Q1PeQh
— ANI (@ANI) August 2, 2018
Supreme Court restrains the media from telecasting images and videos of minor rape victims even in blurred and morphed form. Court also expresses concern over identity of child rape victims being revealed by media and as to how the media has revealed their identities.
— ANI (@ANI) August 2, 2018
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म किये जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही मीडिया में नाबालिग लड़कियों की तस्वीर प्रकाशित किये जाने पर नाराजगी जतायी. शीर्ष अदालत ने कहा है कि नाबालिग बच्चियों की ‘मोर्फ्ड’ तस्वीर भी नहीं दिखायी जानी चाहिए.
मालूम हो कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म किये जाने के मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 11 लोगों को आरोपित बनाते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. वहीं, बिहार विधानमंडल और संसद के मॉनसून सत्र में मामले को उठाये जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने सदन में कहा था कि राज्य सरकार अगर सिफारिश करती है, तो मामले की जांच सीबीआई से करायी जायेगी. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने के निर्देश दे दिये.
बिहार सरकार द्वारा वित्तपोषित होने के कारण समाज कल्याण विभाग भी जांच के घेरे में है. मामले में समाज कल्याण मंत्री के पति का नाम आने के बाद विपक्ष लगातार हमलावर है. विपक्ष ने मंत्री के इस्तीफे और उनके पति की गिरफ्तारी को लकर आज गुरुवार को बिहार बंद बुलाया है. मालूम हो कि बालिका गृह के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर हैं. इस बालिका गृह की 34 नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म किये जाने की पुष्टि मुजफ्फरपुर की एसएसपी ने की है.