पटना : मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लांचिंग समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस योजना पर साल में 2,221 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि हमने विद्या, धन और शक्ति के प्रतीक के तौर पर सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा को तो अपनाया मगर लड़कियों को शिक्षा, धन और सत्ता के अधिकार से वंचित कर दिया. बिहार में काफी संघर्ष के बाद 1929 में महिलाओं को मताधिकार मिला. आज बिहार देश का पहला राज्य है जिसने महिलाओं को पंचायत, पैक्स के चुनाव, शिक्षकों की नियुक्ति में जहां 50 प्रतिशत वहीं सरकार की अन्य सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं के नाम पर मकान आवंटित करने का प्रावधान है. मनरेगा के अंतर्गत रोजगार दिवस सृजन में महिलाओं की 46 प्रतिशत सहभागिता है. जमीन और संपति के निबंधन व स्टाम्प ड्यूटी में महिलाओं को 5 प्रतिशत की छूट दी जाती है. 94 लाख महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ कर सशक्त बनाया जा रहा है. शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चलायी गयी मुहिम का सर्वाधिक लाभ महिलाओं को मिला है.
प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी पहल पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं’ के तहत सुकन्या समृद्धि योजना में लड़कियों को आकर्षक ब्याज दिया जा रहा है. केंद्र सरकार ने मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ा कर छह माह कर दिया है. लड़कियों को आज बचाने, पढ़ाने और आगे बढ़ाने की जरूरत है.