मौत से लड़ जीतनेवाली सन्नो के कपाल में चोट

पटना : बोरवेल में 30 घंटे तक मौत से लड़ कर जीतने वाली मुंगेर की मासूम सना उर्फ सन्नाे की जिंदगी में एक नया खतरा सामने आया है. बोरवले में गिरने के दौरान उसे ब्रेन को ढंकने वाले हिस्से (कपाल) में चोट आयी है. एक तरह से वह क्षतिग्रस्त हो गया है. यह जानकारी तब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2018 5:11 AM

पटना : बोरवेल में 30 घंटे तक मौत से लड़ कर जीतने वाली मुंगेर की मासूम सना उर्फ सन्नाे की जिंदगी में एक नया खतरा सामने आया है. बोरवले में गिरने के दौरान उसे ब्रेन को ढंकने वाले हिस्से (कपाल) में चोट आयी है. एक तरह से वह क्षतिग्रस्त हो गया है. यह जानकारी तब समाने आयी, जब पीएमसीएच के डॉक्टरों ने सन्नो के चेहरे पर सूजन की वजह जानने के लिए एमआरआई करायी. एमआरआई रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया है. तीन साल की सन्नो को बुधवार की रात 9:35 बजे निकाला गया था और उसे तुरंत मुंगेर सदर अस्पताल के आईसीयू में भरती कराया

मौत से लड़…
गया था. बेहतर इलाज के लिए उसे शुक्रवार को उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया. यहां शिशु वार्ड स्थित आइसीयू में भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा है.
एमआरआई जांच में पता चला, पीएमसीएच के शिशु वार्ड के आईसीयू में भर्ती
n विशेषज्ञ डॉक्टरों की लगायी गयी ड्यूटी
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि मस्तिष्क के बाहरी हिस्से पर चोट लगने से काफी खून बाहर निकल गया है. डॉ राजीव ने कहा कि 110 फुट गहराई में गिरने के चलते नाक, कान के अलावा चेहरे में काफी चोटें आयी हैं. बेहतर इलाज के लिए न्यूरो, ईएनटी, आईसीयू आदि के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगायी गयी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल बच्ची की हालत नाजुक व स्थिर दोनों बनी हुई है. उम्मीद है कि चार से पांच दिनों में उसे ठीक कर लिया जायेगा. मालूम हो कि सन्नो मंगलवार की शाम 4:05 बजे अपने नाना के घर खेलने के क्रम में बोरवेल में गिर गयी थी. 30 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे सामांनतर सुरंग खोद कर निकाला गया था. इस आपरेशन में एसडीआरएफ, एसडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन की टीमें लगी थीं.
आंख व कान में चोट, चेहरे पर सूजन
काफी गहराई में गिरने के चलते उसकी आंख और कान में गहरी चोटें आयी हैं. दोनों आंखें पूरी तरह से लाल हो गयी हैं. चेहरे पर सूजन है. शिशु वार्ड के आईसीयू में भर्ती के बाद पीएमसीएच के डॉक्टरों ने फिर से एमआरआई और सिटी स्कैन जांच करने का निर्णय लिया है. इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि रेफर से पहले उसी एमआरआई रिपोर्ट में ब्रेन को सुरक्षित रखने वाले ऊपरी हिस्से में चोट आने की पुष्टि हुई है.

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