पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लड़कियों को शिक्षित किया जाना जरुरी बताते हुए आज कहा कि 2001 में प्रदेश में महिला साक्षरता दर 33 प्रतिशत थी जो वर्ष 2011 में बढकर 53 प्रतिशत पहुंच गयी है.
“महिला शिक्षा का महत्व” विषय पर आज यहां आयोजित एक सेमिनार का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने लडकियों को शिक्षित किया जाना जरुरी बताते हुए कहा कि महिला साक्षरता में वृद्धि के कारण केंद्र सरकार द्वारा बिहार सरकार को महिला साक्षरता के लिए पुरस्कृत किया गया है.
नीतीश ने कहा कि इससे हम संतुष्ट नहीं हैं और साक्षरता पर हम इतना ध्यान दे रहे हैं कि इस मामले में 2021 की जनगणना रिपोर्ट में बिहार देश के चुनिंदा पांच राज्यों में एक रहेगा.उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक, महादलित एवं अतिपिछडा समाज की महिलाओं में साक्षरता दर बहुत कम है. उन्हें शिक्षित कर हम राष्ट्रीय औसत को प्राप्त करेंगे. नीतीश ने कहा कि लडकियों को शिक्षित करने से सामाजिक कुरीतियां, बाल विवाह, भू्रण हत्या एवं जनसंख्या नियंत्रण हो पाता है.
उन्होंने कहा कि अगर लडकी मैट्रिक पास कर लेती है तो प्रजनन दर घटकर दो प्रतिशत तथा प्लस टू तक पढाई कर लेने पर यह दर 1.7 हो जाता है. नीतीश कुमार ने कहा कि लडकियों को शिक्षित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक उच्च विद्यालय खुलेगा. इस अवसर पर शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव अमरजित सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधानसचिव अंजनी कुमार सिन्हा, बिहार हज कमेटी के अध्यक्ष अनीसुर रहमान कासमी, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नौशाद अहमद सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.