पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि पहले वे मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे और जब सरकार ने न केवल सीबीआई को जांच सौंप दी, बल्कि एक कदम आगे बढ़ कर इसकी मानेटरिंग हाईकोर्ट से कराने की पेशकश की तब वे आखिर कौन सी मांग पूरी करने के लिए दिल्ली में धरना देने पहुंच गये. जिस राहुल गांधी ने कभी सजायाफ्ता लालू प्रसाद के साथ मंच साझा नहीं किया वे ही अगर छेड़खानी से लेकर बेनामी संपत्ति तक के मामलों में आरोपी तेजस्वी यादव के साथ धरना पर बैठते हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष पद की गरिमा के बारे में पार्टी को सोचना पड़ेगा.बालिका उत्पीड़न के दोषियों को सजा दिलाना राजनीति नहीं सरकार का संकल्प है.
पहले वे मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे और जब सरकार ने न केवल सीबीआई को जांच सौंप दी, बल्कि एक कदम आगे बढ़ कर इसकी मानीटरिंग हाईकोर्ट से कराने की पेशकश की, तब वे आखिर कौन सी मांग पूरी करने के लिए दिल्ली में धरना देने पहुंच गए…… pic.twitter.com/vItojQ2GQk
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 4, 2018
कांग्रेस के पास लोकसभा में विपक्ष का नेता होने लायक संख्या बल नहीं, लेकिन वह पद पाना चाहती है। उनके पास अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने लायक संख्या बल नहीं था, लेकिन प्रस्ताव लाकर अपनी किरकिरी कराने से बाज नहीं आये…… pic.twitter.com/pEEhhqAynn
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 4, 2018
एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा है कि कांग्रेस के पास लोकसभा में विपक्ष का नेता होने लायक संख्या बल नहीं लेकिन वह पद पाना चाहती है. उनके पास अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने लायक संख्या बल नहीं था लेकिन प्रस्ताव लाकर अपनी किरकिरी कराने से बाज नहीं आये. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले विपक्ष के पास कोई नेता नहीं है तब वे बिना दूल्हे की बरात निकालना चाहते हैं.