पिछड़ों को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण गैर-कांग्रेसी सरकार ने दिया : सुशील मोदी

पटना : बापू सभागार में आयोजित ‘तेली साहू जनप्रतिनिधि सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछड़ों को केंद्र सरकार की नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण कांग्रेस ने नहीं बल्कि गैर कांग्रेसी सरकार ने दिया. कांग्रेस के लगातार विरोध के बावजूद नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछड़ा वर्ग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2018 7:54 PM

पटना : बापू सभागार में आयोजित ‘तेली साहू जनप्रतिनिधि सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछड़ों को केंद्र सरकार की नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण कांग्रेस ने नहीं बल्कि गैर कांग्रेसी सरकार ने दिया. कांग्रेस के लगातार विरोध के बावजूद नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के प्रस्ताव को लोकसभा से पारित कराया है. बिहार की तरह पिछड़े वर्गों की सूची के वर्गीकरण के लिए केंद्र सरकार ने जस्टिस रोहिणी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया है.

सुशील मोदी ने कहा कि 1977 में जब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गैर-कांग्रेसी सरकार बनी जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी मंत्री थे तब मंडल कमीशन का गठन किया गया. 1989 में जब बीपी सिंह की सरकार बनी जिसे भाजपा का समर्थन था तब मंडल कमीशन की अनुशंसाओं को लागू किया गया. जिसके आधार पर पिछड़ों को सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण मिला.

संवैधानिक दर्जा प्राप्त होने के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग को भी एससी/एसटी आयोग की तरह केंद्र सरकार की सूची में पिछड़े वर्ग की जातियों को जोड़ने-घटाने का व कोई घटना होने पर अधिकारियों को सम्मान जारी कर कठघरे में खड़ा करने का अधिकार होगा. बिहार की तरह ही केंद्र ने भी पिछड़े वर्गों की सूची जिसमें 5 हजार से अधिक जातियां हैं, के वर्गीकरण के लिए एक कमेटी का गठन जस्टिस रोहिणी की अध्यक्षता में किया है जिसकी रिपोर्ट नवंबर में आने वाली है. वर्गीकरण के बाद पिछड़ों में जो सर्वाधिक पिछड़े हैं उन्हें सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी.

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