पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सभी बालिका गृह और महिला गृह के निरीक्षण का आदेश दिया है. सोमवार को लोक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी जिले के डीएम और एसपी को आदेश दिया कि वे सरकार द्वारा चलाये जा रहे शेल्टर होम का जांच करें. इसके साथ ही नीतीश ने सभी शेल्टर होम की सुरक्षा के प्रबंध करने के भी आदेश दिये हैं. मुख्यमंत्री ने पहली बार इस बात को स्वीकार किया कि सिस्टम में कमी की वजह से ऐसी घटना हुई. उन्होंने कहा कि हमने ही बालिका गृह की सोशल ऑडिट करायी थी. मुख्यमंत्री ने सिस्टम को दुरुस्त करने के उपायों पर भी चर्चा की.
Bihar Chief Minister Nitish Kumar directed all district magistrates to inspect child and women shelter homes running in the state
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— ANI Digital (@ani_digital) August 6, 2018
मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिका गृह जैसी आश्रय देने वाली योजनाएं पूरे देश में एनजीओ के जरिये चलायी जा रही हैं. हमने ही बालिका गृह को TISS से सोशल ऑडिट करायी थी. पूरे देश में केवल बिहार ने इस तरह की जांच करायी थी. हमारी मंशा शुरू से साफ है. जब ये मामला संज्ञान में आया तो मैंने अधिकारियों को इसकी समीक्षा का आदेश दिया. समीक्षा में पाया गया कि बालिका गृह को चलाने में एनजीओ ने लापरवाही की. इसके बाद मैंने सुझाव दिया कि शेल्टर होम सरकारी भवनों में चलाये जाएं. इसको चलाने की जिम्मेदारी सरकारी कर्मचारियों पर हो. इसके लिए नियुक्ति की जायेगी. ऐसा करने से सबकी जवाबदेही तय करने में सहूलियत होगी.
इससे पहले भी सरकार ने कार्रवाई करते हुए 6 जिलों के सहायक निदेशक और सात जिलों के बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) को निलंबित कर दिया था. समाज कल्याण विभाग के अनुसार, मुंगेर, अररिया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी और भोजपुर स्थित बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा साथ जिलों के बाल संरक्षण पदाधिकारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है.