नाले के लिए खोदी सड़क, पर नहीं की घेराबंदी

पटना : राजधानी के कई इलाकों में नालों व जलापूर्ति पाइप को दुरुस्त करने के लिए सड़कों को खोदा गया है. जहां सड़क की खुदाई की गयी है, उसकी घेराबंदी या साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है. ये गड्ढे ऐसे हैं कि अगर रात में मोटरसाइकिल सवार सतर्क होकर नहीं चलें, तो दुर्घटना होना निश्चित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2014 5:59 AM

पटना : राजधानी के कई इलाकों में नालों व जलापूर्ति पाइप को दुरुस्त करने के लिए सड़कों को खोदा गया है. जहां सड़क की खुदाई की गयी है, उसकी घेराबंदी या साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है. ये गड्ढे ऐसे हैं कि अगर रात में मोटरसाइकिल सवार सतर्क होकर नहीं चलें, तो दुर्घटना होना निश्चित है.

एसके पुरी

एसके पुरी मुख्य सड़क पर दो स्थानों पर सड़क के एक लेन को खोदा गया है. इसमें एक सहदेव महतो मार्ग मोड़ के पास और दूसरा सहदेव महतो मार्ग मोड़ से थोड़ा आगे. निर्माण एजेंसी ने सड़क को खोद कर एक हिस्से में मिट्टी का ढेर लगा दिया है, तो दूसरा हिस्सा समतल है. इससे चिल्ड्रेन पार्क से बोरिंग कैनाल रोड पर आनेवाले लोगों के लिए समस्या बढ़ गयी है. हालांकि रविवार की शाम निर्माण एजेंसी ने दोनों जगहों पर एक-एक ‘निर्माण कार्य प्रगति पर है’ का साइन बोर्ड लगा दिया है.

नागेश्वर कॉलोनी

नागेश्वर कॉलोनी में जलापूर्ति पाइप बिछाया जा रहा है. इसको लेकर सड़क के एक किनारे को खोदा जा रहा है और पाइप बिछाने का काम भी चल रहा है. लेकिन, घेराबंदी नहीं की गयी है. इससे दुर्घटना होने की हमेशा आशंका बनी रहती है. लेकिन, निगम या जिला प्रशासन की ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.

मीठापुर-सिपारा रोड

मीठापुर-सिपारा मुख्य रोड पर जलापूर्ति पाइप चार जगहों पर लीकेज है. इसे ठीक करने के लिए निगमकर्मियों द्वारा सड़क खोद दी जाती है और फिर मिट्टी रख कर भर दिया जाता है. इससे सड़क पर गड्ढा बना ही रहता है.

मीठापुर ओवरब्रिज

यहीं पर मामला खत्म नहीं होता है. कुछ इसी तरह का हाल दयानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय के निकट का है. दयानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय के ठीक सामने भूगर्भ नाले को ठीक करने के लिए सड़क की खुदाई की गयी है. इससे साथ ही इस विद्यालय की ओर से आने पर सड़क के बीचोंबीच गड्ढा है, लेकिन यहां भी घेराबंदी नहीं की गयी है. गड्ढे के खुले रहने के कारण यहां पर लोगों में हमेशा एक्सीडेंट का डर बना रहता है. खासकर रात में राहगीरों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.

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