मुजफ्फरपुर कांड : मंत्री मंजू वर्मा ने दिया इस्तीफा, पति को बताया निर्दोष
पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा से फोन पर ‘राजनीतिक मुद्दों’ पर बातचीत होने की बात स्वीकार करने के कुछ ही घंटे के बाद आज मंजू वर्मा ने मुख्यमंत्री […]
पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा से फोन पर ‘राजनीतिक मुद्दों’ पर बातचीत होने की बात स्वीकार करने के कुछ ही घंटे के बाद आज मंजू वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय सूत्रों ने बताया कि मंजू वर्मा ने नीतीश कुमार से मुलाकात की और अपना इस्तीफा पत्र उन्हें सौंप दिया. अपने इस्तीफे के बाद मंजू वर्मा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा किमेरापतिबेकसूरहै.
I resigned because media and opposition had created a furore
, but I have full faith in CBI and Judiciary, I am sure truth will be out and my husband will come out clean: Manju Verma,Bihar Minister who resigned. #MuzaffarpurShelterHome pic.twitter.com/PGDTPC94Vm— ANI (@ANI) August 8, 2018
पटना में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में मंजू वर्मा ने कहा कि उन्होंने किसी भी दबाव में इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने कहा, उन्हें सीबीआई जांच पर पूरा भरोसा है. मेरे पति निर्दोष है यह बात जांच में साफ हो जायेगा. उन्होंने आगे कहा कि जांच रिपोर्ट में उनके पति के निर्दोष साबित होने के बाद वे उस महिला पर मानहानि का मुकदमा करेंगी जिसने उनपर और उनके पति पर मुजफ्फरपुर कांड में शामिल होने का आरोप लगाया है.
मंजू वर्मा ने कहा कि जिस कॉल डिटेल रिपोर्ट के आधार पर मेरे पति को दोषी ठहराया गया है उस रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में रखा जाये. साथ ही ब्रजेश ठाकुर का पूरा कॉल डिटेल्स निकाला जाये और ब्रजेश ठाकुर से जिनकी भी बात हुई है उन सभी को दोषी माना जाये. इसी कॉल डिटेल से पता भी चल जायेगा कि किन-किन लोगों से ब्रजेश ठाकुर की बात होती थी.
इससे पहले मुजफ्फरपुर जिले की एक स्थानीय अदालत में आज पेशी के दौरान आरोपी ब्रजेश ठाकुर से जब संवाददाताओं ने उनकी गत जनवरी से जून महीने की कॉल डिटेल्स में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा से 17 बार फोन पर बातचीत होने के बारे में पूछा तो ब्रजेश ने उनसे किसी कार्य के बारे में बात होने से इनकार करते हुए यह स्वीकार किया कि उनसे राजनीतिक मुद्दों बात हुई है. विपक्षी दलों ने मांग की थी कि मंजू वर्मा इस मामले में नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें और उनके पति को गिरफ्तार करके उनसे इस मामले में पूछताछ की जाये.
मंजू वर्मा ने इस पर गत 26 जुलाई को अपने पति की इसमें संलिप्तता से इनकार किया था और उन पर लगाये जा रहे आरोप को आधारहीन बताते हुए कहा था कि आरोप सिद्ध होने पर वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी. मंजू ने पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर गत 26 जुलाई को पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुजफ्फरपुर बालिका गृह के गिरफ्तार सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी द्वारा लगाये इस आरोप को निराधार बताया था कि उनके पति चंद्रशेखर वर्मा बालिका गृह में अक्सर जाया करते थे.
मंजू वर्मा ने अपने पति को निर्दोष बताते हुए कहा था कि वह अपने पति पर आरोप सिद्ध होने पर मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा देने के साथ राजनीतिक और सामाजिक जीवन से सन्यास ले लेंगी. उन्होंने आरोप लगाया था कि वे पिछड़ी और कमजोर जाति से हैं इसलिए उनके पति को मोहरा बनाया जा रहा है. इस मामले में जेल में बंद बालिका गृह के सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी द्वारा समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा पर उक्त बालिका गृह में अक्सर जाने का गत 25 जुलाई को आरोप लगाया था. उसके बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंजू वर्मा को मंत्री पद से बर्खास्त करने और उनके पति को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ किए जाने की मांग की थी.
रवि की पत्नी ने मंजू वर्मा के पति पर बालिका गृह में अपने साथ जाने वाले अधिकारियों को बाहर छोड़कर उसके भीतर जाने का आरोप लगाते हुए बताया था कि वहां की लड़कियां उन्हें नेताजी के तौर जानती थीं. मंजू वर्मा ने अपने पति के अपने साथ फरवरी 2016 में उक्त बालिका गृह जाने की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि इस मामले के उजागर हुए करीब एक महीना बीत चुका है, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस की जांच के क्रम में इस तरह का आरोप किसी पर नहीं लगा.
उन्होंने कहा कि गत 25 जुलाई को जब बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने वहां का दौरा किया तो साजिश के तहत उनके पति पर बेबुनियाद आरोप लगाया गया जिसका न तो कोई साक्ष्य है न ही कोई आधार है. गत पांच अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह जरूर कहा था ‘न तो कोई भी गड़बड़ करने वाला बचेगा और न ही उसे बचाने वाला बचेगा.’ हमने आज तक गड़बड़ करने वाले के साथ कोई समझौता नहीं किया है.
मालूम हो कि टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट आने के बाद से समाज कल्याण विभाग पर कई सवाल उठ रहे थे और मंजू वर्मा का समाज कल्याण विभाग इस मामले में संदिग्ध था. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कहा था कि मंजू वर्मा से जुड़ी चीजें सामने आयेंगी तो कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा था, हमने मंत्री को बुलाकर पूछा था और उन्होंने साफ इनकार किया. इसकी जांच सीबीआई कर रही है और निगरानी हाई कोर्ट की है.