पटना : नकली नोट खपा कर इकोनॉमी की कमर तोड़ने में लगे नक्सली, गिरफ्तार मधुरेंद्र ने खोले राज
पटना : नक्सलियों ने अब इकोनाॅमी (अर्थव्यवस्था) को झटका देने के लिए बाकायदा नकली नोट खपाने के लिए तस्करी भी शुरू की है. एक नेटवर्क भी विकसित किया है. फिलहाल इस संदर्भ में कोतवाली थाने के स्टेशन गोलंबर के पास चार लाख के जाली नोटों के साथ मधुरेंद्र कुमार नाम का नक्सली पकड़ा गया है. […]
पटना : नक्सलियों ने अब इकोनाॅमी (अर्थव्यवस्था) को झटका देने के लिए बाकायदा नकली नोट खपाने के लिए तस्करी भी शुरू की है. एक नेटवर्क भी विकसित किया है. फिलहाल इस संदर्भ में कोतवाली थाने के स्टेशन गोलंबर के पास चार लाख के जाली नोटों के साथ मधुरेंद्र कुमार नाम का नक्सली पकड़ा गया है. यह नक्सली पहले भी जेल जा चुका है.
इसका भाई दिनेश छत्तीसगढ़ में पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है. इस नक्सली को जिस वीरेंद्र सिंह ने नोट लेकर भेजा था, उसकी पहचान भी नक्सली के रूप में हुई है. इस तरह साफ हो गया है कि नक्सली व्यापक पैमाने पर नकली नोट खपाने में लगे हैं. हैरत की बात यह है कि पुलिस की गिरफ्त से सफेदपोशों का यह नेटवर्क अभी बाहर है, जिनके जरिये नक्सली नकली नोटों को बाजार में खपा रहे थे.
30 लाख के नकली नोटों का मिलता ऑर्डर : आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पुलिस की अब तक जांच में यह बात भी सामने आयी है कि पकड़ा गया मधुरेंद्र कुमार चार लाख के जाली नोट सैंपल के रूप में लाया था. अगर नोट अगले व्यक्ति को पसंद आ जाते, तो फिर वह उसे दो लाख रुपये दे देता.
इसके बाद उसे 30 लाख लाने का ऑर्डर मिलता. हालांकि, इसके पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस को उसके पास से कोई मोबाइल फोन नहीं मिला है. हालांकि पूछताछ में उसने कई नामों की जानकारी दी है. उसने अनुज नाम के एक व्यक्ति के संबंध में बताया है कि वह उसे जाली नोट देने आया था. अनुज गया का मूल निवासी है, लेकिन फिलहाल पटना में रह रहा है.
एक ही नंबर के दो हजार के थे कई नोट
नोट प्रथम दृष्टया देखने में असली लग रहे थे. लेकिन उनमें कई नोट एक ही नंबर के थे, जिसके कारण यह संभावना जतायी जा रही है कि जहां भी नोट बनाये जा रहे हैं वहां एक ही नंबर को अंकित किया जा रहा है. इधर, पुलिस ने मधुरेंद्र को जेल भेज दिया है और उसे रिमांड पर लेने के लिए न्यायालय से आग्रह किया है. जाली नोटों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पटना पुलिस के साथ ही एटीएस भी जुट गयी है.
तार पश्चिम बंगाल व यूपी से भी जुड़े हुए
जाली नोटों के तार पश्चिम बंगाल व यूपी से भी जुड़े हुए हैं. पटना में जब भी नकली नोटों की खेप पकड़ी गयी है उसमें यह जानकारी मिली है कि जाली नोट इन्हीं दोनों राज्यों से लाये गये थे. सूबे के कई जिलों में जाली नोटों की खेप बरामद की जा चुकी है. पुलिस ने कटिहार व दरभंगा में छापेमारी कर 33 लाख के जाली नोट बरामद किये थे. इस मामले में जीआरपी के दो जवानों को भी गिरफ्तार किया गया था. सिपारा में पुलिस ने लाखों के नोट पकड़े थे. इसमें सात लोग पकड़े गये थे. जिसमें से दो पश्चिम बंगाल के थे. पटना व नालंदा में पुलिस ने छापेमारी कर चार छात्रों को पकड़ा था. इन लोगों के पास से 24 सौ के जाली नोट बरामद किये गये थे. राजीव नगर इलाके में यूपी के रहने वाले मोहम्मद अकरू जमां को गिरफ्तार किया गया था.