12 लाख से अधिक संविदाकर्मियों की निगाहें वित्त विभाग पर टिकीं
उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के बाद विभागीय स्तर पर निर्भर करता है बहुत कुछ पटना : प्रदेश के 12 लाख से अधिक संविदाकर्मियों की निगाहें अब वित्त विभाग पर टिकी हैं. पूर्व मुख्य सचिव अशोक चौधरी की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब गेंद सरकार के […]
उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के बाद विभागीय स्तर पर निर्भर करता है बहुत कुछ
पटना : प्रदेश के 12 लाख से अधिक संविदाकर्मियों की निगाहें अब वित्त विभाग पर टिकी हैं. पूर्व मुख्य सचिव अशोक चौधरी की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब गेंद सरकार के पाले में है. संविदाकर्मियों को सरकारी तर्ज पर सुविधाएं देने की सिफारिशें की गयी हैं. अब वित्त विभाग को पे-स्केल को लेकर फैसला लेना है. नये ढंग से पे-स्केल का निर्धारण होगा या ये कर्मचारी पुराने वेतन पर ही काम करते रहेंगे, इसको लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है.
विभिन्न विभागों में तैनात संविदा कर्मचारी इसकी जानकारी लेने में लगे हैं, परंतु सफलता नहीं मिल रही है. उधर, काफी पहले से यही चर्चा है कि मुख्यमंत्री इस तोहफे की घोषणा 15 अगस्त के मौके पर करेंगे. बहरहाल, मुख्यमंत्री ने सामान्य प्रशासन विभाग को संबंधित विभागों से कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिये हैं. ताकि समय से संविदा कर्मियों को लाभ मिल सके.
वेतन निर्धारण को लेकर सरकार की मंशा जानने को उत्सुक हैं कर्मचारी
इन्हें मिलेगा लाभ : आईटी ऑपरेटर, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी, डाटा इंट्री ऑपरेटर, चालक, कॉन्ट्रैक्ट लेक्चरर, व्यवसाय अनुदेशक, आईटी मैनेजर, ग्राम कचहरी सचिव, पंचायत तकनीकी सहायक, आशुलिपिक, अमीन, आयुष चिकित्सक, सहायक इंजीनियर, सांख्यिकी अन्वेषक, गार्डेन सुपरवाइजर, सामुदायिक कार्यकर्ता, लेखा सहायक, प्रोग्रामर, आईटी ब्वॉयज, ऑफिस एग्जीक्यूटिव, सांख्यिकी स्वयंसेवक, मोहर्रिर, पंचायत रोजगार सेवक, प्रयोगशाला सहायक आदि पदों पर तैनात संविदाकर्मियों को लाभ मिलेगा.
संविदाकर्मियों से होगा समझौता
अब तो यह स्पष्ट है कि सभी विभागों और जिलों में सरकारी कर्मियों के रिक्त स्थायी पदों पर संविदा पर काम कर रहे कर्मियों से ही समझौता किया जायेगा. हटाने की वही प्रक्रिया होगी, जो स्थायी सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्धारित है.
उच्च स्तरीय समिति ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी वेतन निर्धारण आदि किया जाये, वह न्यायालयों के आदेशों को ध्यान में रखते हुए किया जाये. अब संविदाकर्मियों के मन में भी तमाम सवाल उठ रहे हैं. नाम नहीं छापने की गुजारिश करते हुए एक संविदाकर्मी ने बताया कि तमाम विभागों में स्वीकृत पद से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं. उसके मन में शंका है कि स्वीकृत पदों के बराबर ही संविदा वाले कर्मचारी को लाभ दिया जायेगा. परंतु, जानकार बताते हैं कि किसी को हटाया नहीं जायेगा.