पटना : पीएमसीएच में फिर पकड़ा गया एक और दवा दलाल

30 फीसदी की छूट पर दिला रहा था दवाएं पटना : बुधवार को पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में दवा दलाल पंकज गिरी (25) के पकड़े जाने से यह साफ हो गया है कि राजधानी पटना के इस सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल में एजेंटों की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही. दवा कंपनियों के दलाल डॉक्टरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2018 8:58 AM
30 फीसदी की छूट पर दिला रहा था दवाएं
पटना : बुधवार को पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में दवा दलाल पंकज गिरी (25) के पकड़े जाने से यह साफ हो गया है कि राजधानी पटना के इस सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल में एजेंटों की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही. दवा कंपनियों के दलाल डॉक्टरों से मनमाफिक दवा लिखवा लेते हैं और पीएमसीएच प्रशासन का नि:शुल्क दवा उपलब्ध कराने का दावा फेल हो जाता है.
अस्पताल कर्मियों और दवा दलालों की इस मिलीभगत का सीधा नुकसान मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सुबह 11 बजे मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभिजीत ने उक्त दलाल को पकड़ा. वह मखनियां कुआं स्थित एक दवा दुकान के नाम पर मरीजों को बरगला रहा था. दरअसल सरस्वती देवी नाम की एक महिला अपना इलाज करवाने के लिए पीएमसीएच मेडिसिन विभाग में भर्ती हुई. डॉक्टरों ने सरस्वती देवी को कुछ दवाइयां लिखी. इसे लेने के लिए परिजन मेडिसिन दुकान पर जा रहे थे. तभी पीएमसीएच अस्पताल के मुख्य द्वार पर खड़े पंकज गिरी ने महिला के परिजन से दवाओं में 30 प्रतिशत छूट की बात कही. दलाल उन्हें दवा दिलाने के लिए बाहर ले जाने लगा. लेकिन महिला के परिजन उसका विरोध करने लगे. मामला अस्पताल प्रशासन के पास पहुंच गया. इसके बाद उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया.
दवा कंपनी से मिले होते हैं दलाल
पकड़े गये दलाल कबूल चुके हैं कि पीएमसीएच में बड़ी दवा कंपनियों से जुड़ा एक गैंग सक्रिय हैं. गैंग के एजेंट पीएमसीएच और आईजीआईसी अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों से संपर्क कर दवा सप्लाई करते हैं. खुद दलाल वार्ड के अंदर मरीजों को दवा व मरहम-पट्टी पहुंचाते हैं. इसके एवज में उन्हें अलग से पैसे मिलते हैं. दवा की सप्लाइ पर उन्हें मोटी रकम दी जाती है.
पर्ची लेकर इमरजेंसी में करते हैं प्रवेश : पीएमसीएच में दलाल खुद का रजिस्ट्रेशन रसीद कटवा कर इमरजेंसी, प्रसूति रोग विभाग और बच्चा वार्ड में प्रवेश करते हैं. ताकि किसी को संदेह हो तो बता सकें कि संबंधित वार्ड में इलाज करवाने आये हैं. इतना ही नहीं अगर संदेह होता है तो दलाल खुद को बीमार बताते हैं और डॉक्टर से पर्ची पर दवा भी लिखवा लेते हैं.

Next Article

Exit mobile version