मसौढ़ी : आर्यभट्ट की वेधशाला के लिए जमीन की तलाश शुरू

डीएम ने दो एकड़ जमीन की तलाश करने का दिया निर्देश मसौढ़ी : तारेगना में महान गणितज्ञ व खगोलविद आर्यभट की वेधशाला निर्माण की अरसे से मसौढ़ी वासियों द्वारा की जा ही रही मांग पूरी होने की उम्मीद बढ़ गयी है. बीते 23 जुलाई को ही प्रभात खबर ने ‘तारेगना ,खगौल व तारेगना टाॅप कब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2018 2:00 AM
डीएम ने दो एकड़ जमीन की तलाश करने का दिया निर्देश
मसौढ़ी : तारेगना में महान गणितज्ञ व खगोलविद आर्यभट की वेधशाला निर्माण की अरसे से मसौढ़ी वासियों द्वारा की जा ही रही मांग पूरी होने की उम्मीद बढ़ गयी है. बीते 23 जुलाई को ही प्रभात खबर ने ‘तारेगना ,खगौल व तारेगना टाॅप कब होंगे विकसित’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इससे संबंधित खबर समय-समय पर प्रभात खबर प्रमुखता से प्रकाशित करते रहा है.
इसके बाद जिलाधिकारी ने मसौढ़ी में आर्यभट्ट की वेधशाला निर्माण के लिए सीओ को दो एकड़ भूमि चिह्नित कर इस संबंध में शीघ्र ही प्रस्ताव देने का निर्देश दिया है. इधर, डीएम के आदेश के आलोक में सीओ योगेंद्र कुमार ने भूमिकी तलाश शुरू कर दी है. उन्होंने गुरुवार को तारेगना स्थित अतिक्रमित आर्यभट की जीर्ण-शीर्ण वेधशाला का मुआयना भी किया.
इस बाबत उन्होंने बताया कि डीएम के आदेश के आलोक में वेधशाला के लिए दो एकड़ भूमि चिह्नित कर उन्हें यथाशीघ्र इससे संबंधित प्रस्ताव डीएम को भेजना है. पिछले दिनों हुई बैठक में भी डीएम ने उन्हें इसके लिए आदेश दिया था. वे सर्वप्रथम इसके लिए दो एकड़ योग्य गैरमजरूआ भूमि की तलाश कर रहे हैं.
दो एकड़ गैरमजरूआ भूमि नहीं मिल पाने पर वे सतत लीज नीति के तहत सुयोग्य श्रेणी की दो एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण करेंगे और उक्त भूमि के मालिक को सरकारी दर का चार गुना मूल्य का भुगतान किया जायेगा. गौरतलब है कि 22 जुलाई, 2009 को सदी का सबसे लंबी अवधि का पूर्ण सूर्यग्रहण को देखने मसौढ़ी आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारेगना, खगौल व तारेगना टॉप (बिहटा) के 30 किलोमीटर के लंबे त्रिकोण को विकसित करने और यहां खगौलीय त्रिकोण का एस्ट्रो सर्किट का निर्माण कराये जाने की घोषणा की थी.
बताया जाता है कि उक्त निर्माण विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी विभाग की एस्ट्रो टूरिज्म योजना के तहत कराया जाना था, लेकिन उक्त निर्माण नहीं हो सका तो यहां के लोगों की उम्मीद क्षीण होने लगी थी. लोग आर्यभट की विरासत को बनाए रखने के लिए यहां आर्यभट के नाम पर वेधशाला निर्माण की मांग करने लगे थे.
अब लोग उम्मीद करने लगे हैं कि विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी विभाग की एस्ट्रो टूरिज्म योजना की दिशा में एक सकारात्मक पहल सरकार के स्तर पर शुरू होनेवाली है.

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