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पटना पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों पर आफत, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से 50 ऑपरेशन टले, 8 की मौत
पटना : एनएमसीएच में मरीज के परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट की घटना के बाद पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर भी गुरुवार को हड़ताल पर चले गये. नतीजा दोनों ही अस्पताल में इलाज व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी. इमरजेंसी और ओपीडी दोनों के जूनियर डॉक्टरों हड़ताल चले गये. इससे मरीज और उनके परिजनों को […]
पटना : एनएमसीएच में मरीज के परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट की घटना के बाद पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर भी गुरुवार को हड़ताल पर चले गये.
नतीजा दोनों ही अस्पताल में इलाज व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी. इमरजेंसी और ओपीडी दोनों के जूनियर डॉक्टरों हड़ताल चले गये. इससे मरीज और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इलाज नहीं मिलने से पीएमसीएच आठ मरीजों की मौत हो गयी, जबकिपीएमसीएच में 20 और एनएमसीएच में 30 यानी कुल 50 ऑपरेशन टालने पड़े. एनएमसीएच में 553 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ, लेकिन एक भी मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. वहीं, पीएमसीएच में 1780 मरीजों ने ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कराया. इनमें सिर्फ महज 400 मरीजों का इलाज हुआ. बाकी मरीज बिना इलाज के लौटे. इलाज के लिए दूसरे जिलों से आये मरीज डॉक्टरों की हड़ताल से काफी आक्रोशित दिखे.
ओपीडी से बिना इलाज कराये 1933 मरीज लौटे
जेडीए की चेतावनी, मांगें न मानीं तो बेमियादी हड़ताल
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विनय ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट सहित कई मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल करने का निर्णय लिया. इतना ही नहीं, स्वास्थ्य विभाग हमारी मांग पर सिर्फ आश्वासन देता है.
कभी पीएमसीएच के डॉक्टरों की सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया जाता. जूनियर डॉक्टरों ने 24 घंटे का हड़ताल किया है. सुरक्षा देने की हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा सकती है.
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