काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इलाज शुरू

पटना : राज्य सरकार के मुख्य सचिव द्वारा मांगों को पूरा करने के लिए एनएमसीएच के अधीक्षक और प्राचार्य को 15 सितंबर तक मोहलत देने और एक माह बाद कार्यों की समीक्षा किये जाने का भरोसा दिये जाने पर जूनियर डॉक्टर शुक्रवार की सुबह काम पर लौट आये और मरीजों का इलाज शुरू किया. एनएमसीएच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2018 9:01 AM

पटना : राज्य सरकार के मुख्य सचिव द्वारा मांगों को पूरा करने के लिए एनएमसीएच के अधीक्षक और प्राचार्य को 15 सितंबर तक मोहलत देने और एक माह बाद कार्यों की समीक्षा किये जाने का भरोसा दिये जाने पर जूनियर डॉक्टर शुक्रवार की सुबह काम पर लौट आये और मरीजों का इलाज शुरू किया. एनएमसीएच में पिछले मंगलवार से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. एनएमसीएच में मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टरों से हुई मारपीट की घटना के बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये थे. इसके बाद गुरुवार को पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गये. इससे राज्य के दोनों बड़े अस्पतालों में इलाज व्यवस्था चरमरा गयी थी.

जानकारी के मुताबिक, एनएमसीएच में मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टरों से हुई मारपीट की घटना के बाद जूनियर डॉक्टर पिछले मंगलवार को हड़ताल पर चले गये थे. इसके बाद गुरुवार को पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गये. इससे राज्य के दोनों बड़े अस्पतालों में इलाज व्यवस्था चरमरा गयी थी. एनएमसीएच में मंगलवार से जारी हड़ताल के 48 घंटे के बाद अस्पताल और राज्य सरकार की नींद खुली और मामले की गंभीरता को समझते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव हड़ताली जूनियर डॉक्टरों से मिलने एवं अस्पताल में सुरक्षा खामियों का जायजा लेने गुरुवार की शाम को पांच बजे अगम कुआं स्थित एनएमसीएच पहुंचे.

मुख्य सचिव ने अधीक्षक और प्राचार्य को लगायी फटकार, मांगों को 15 सितंबर तक पूरा करने को कहा

मुख्य सचिव ने जूनियर डॉक्टरों की पूरी बातों को सुना और खामियों को देखते हुए अधीक्षक एवं प्राचार्य को कड़ी फटकार लगायी.दो घंटे चली बैठक के बाद मुख्य सचिव ने जूनियर डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली. साथ ही मांगों को पूरा करने के लिए अधीक्षक और प्राचार्य को 15 सिंतबर तक मोहलत देने तथा अपने स्तर से एक माह बाद कार्यों की समीक्षा करने का भरोसा भी दिया.देर रात तक चली जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की बैठक में फैसला हुआ कि हम सभी जूनियर डॉक्टर मुख्य सचिव के भरोसे से आश्वस्त होकर मरीज और जनहित में शुक्रवार की सुबह काम पर लौट आयेंगे और सेवा में जुट जायेंगे. साथ ही सरकार और अस्पताल प्रशासन के आश्वासन पर अमल करने का इंतजार करेंगे.

क्या हैं जूनियर डॉक्टरों की मांगें

मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आरोपित की तुरंत गिरफ्तारी

टीओपी की स्थापना

इमरजेंसी में बैरिकेडिंग और आर्म्ड सुरक्षा गार्डों की तैनाती

पुख्ता सुरक्षा इंतजाम की बहाली

इमरजेंसी में मरीजों और तीमादारों के लिए पास की व्यवस्था

अन्य सुरक्षा संबंधित कार्यों पर पहल

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